लप्रेक यानी लघु प्रेम कथा : तुम किस्स कर रही हो या फिर फ्रूटी,एप्पी की टेट्रा पैक में फंसी आखिरी बूंद को स्ट्रा से खींच रही हो ? गाल ऐसे सिकोड़ लिए हैं जैसे उस बूंद को हलक तक लाकर ही दम लोगी. किस्सिंग सीन ऐसे नहीं होते..मेरे से नहीं होगा अमन प्लीज.अब और कितनी बार रिटेक दूं ? स्कीप नहीं कर सकते इसे ? नहीं,नहीं कर सकते. नहीं कर सकते तो पैक अप कर दो, मैं नहीं कर सकती अब. पैक अप कर दूं, हैलो ये प्रोडक्शन हाउस है कोई चिकन खुराना ढाबा नहीं कि उसके लौंड़े को जब जी खोला-आजमाया और नहीं किया तो टाट गिरा दी. तुमसे नहीं होता तो पहले इतनी एक्साइटेड क्यों थी कि जो कहोगे करुंगी सर ? यहां पैसा लगता है पैसा. अब ध्वनि रुंआसी हो गयी थी, मन किया खूब जोर-जोर से चिल्लाए,रोए. ध्वनि,ध्वनि,सॉरी यार..पर करना तो होगा न. वी नार्मल प्लीज..अच्छा चलो जब तुम रो ही रही हो तो शाश्वत के फील्ड ट्रिप पर जाने की सीन कर लेते हैं, वो जा रहा है और तुम इस डर में इमोशनल होकर रोने जा रही हो कि मैं इस बड़ी सी फ्लैट में दस दिन अकेली कैसे रहूंगी और वैसे भी मीरा रोड में मुझे जानता कौन है..रोओ ध्वनि, जितना जी चाहे रोओ..4,3,2,1..रोल इन…..
ध्वनि को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. न कैमरा एंगिल, न शॉट बस इतना ध्यान था कि वो इस वक्त जितना चाहे रो सकती है और अमन उसे किस्सिंग सीन के लिए प्रेशराइज नहीं करेगा. वो रोती तो रोती ही है, दोनों हाथ जोर से जमीन पर पटक देती है. मरुन कलर की चूंडिया टूटकर चारों तरफ बिखर जाती है..हैलो,ध्वनि ! शाश्वत दस दिनो के लिए मुंबई से कनाडा फील्ड ट्रिप के लिए गया है, तुम्हारी जिंदगी से नहीं गया है कि तुमने चूडियां तोड़ दी. सास-बहू सीरियल में समझती हो चूडी तोड़ने का मतलब ? पति का गुजर जाना. कितना अच्छा रो रही थी और बीच में ये चूडी तोड़कर कबाड़ा कर दिया. कबाड़ा कर दिया.ऐसा करने के बाद ही तो वो हल्का महसूस कर रही थी..वैसे उसे अब समझ आ गया था कि वो अब तो जितना रोई वो भी उसकी निजी जिंदगी से खिसककर सीरियल का हिस्सा होने जा रहा है. इसे तो छोड़ देते न अमन, मैं किस्सिंग सीन भले ही परफेक्ट न कर पाउं लेकिन रोने तो जब कहोगे,रो दूंगी. प्लीज इसे फेड आउट कर दो.
ध्वनि, पिछले तीन दिनों से हमें और पूरी क्र्यू को क्यों पोपट बनाने में लगी हो ? ये मेरा रोना पर्सनल है, ये मेरी किस्सिंग किड्डिस है..यार हम सीरियल बना रहे हैं कि तुम्हारी शादी की वीडियो ? क्यं झोल कर रही हो ? अमन,सॉरी मैं नहीं कर सकती तुम्हारे सीरियल में काम..तुम इसके लिए मुझे जो और जितना कहो ? और ये जो 12 एपीसोड फाइनल हो गए हैं, उसका क्या ? उसका कुछ नहीं तुम तेरहवें एपीसोड में ध्वनि का एक्सीडेंट करा दो. आखिर एकता कपूर भी तो यही करी है और तुम तो उसे सीरियल की महारानी मानते हो, ले आओ कोई और..ध्वनि, तुम इस तरह से अपने काम को लेती हो ? मैं सास-बहू सीरियल जरुर कर रहा हूं लेकिन वो चालू टाइप की कहानी नहीं है..ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जो अपनी निजी जिदगी में वो सबकुछ करती है जिसे सीरियल में करते हुए न केवल झिझकती है बल्कि उसे ऐसा करना अनैतिक लगता है, वो बिल्कुल अंजान बन जाती है यहां आकर..वो अनप्रिडिक्टेड कैरेक्टर है..मैं कहां से खोजूं दूसरी ध्वनि ? तुम कहानी बदल क्यों नहीं देते, तब ध्वनि को कहानी में पैदा ही मत करो..न वो पैदा होगी न वो इस तरह से किस्सिंग सीन में फ्रूटी के टेट्रा पैक चूसेगी, मुझे सच में नहीं करना है ये समय अमन..इससे लाख दर्जा अच्छा है वापस उसी नोएडा फिल्म सिटी में मूवी मसाला और बॉलीवुड बिंदास के पैकेज बनाउं, मुझे लौटना है अमन,प्लीज मुझे लौटने दो. ( ध्वनि चली सीरियल में, लप्रेक. काल्पनिक कथा, विशुद्ध मनोरंजन के लिए. लप्रेकों का संकलन जल्द ही वाणी प्रकाशन से प्रकाशित होकर आ रहा है.)