न्यूज़24 के युवा पत्रकार कामता सिंह की हृदयघात से मौत हो गयी. वे महज 28 वर्ष के थे. इसके पहले उन्होंने इंडिया टीवी में भी काम किया था.आज उनकी याद में आज एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया जिसमें उन्हें जानने वाले पत्रकारों ने उन्हें याद किया. कुछ प्रतिक्रियाएं :
सिद्धार्थ पंडया- नौकरी के सिलसिले में 2011 मे पहली बार दिल्ली आया…और भाई अमिताभ भूषण के घर ठहरा…जैसे ही पहुंचा तो एक आवाज़ आई “नमस्ते भईया, आईये और बैठिए हम चाय बनाए देते हैं”..ये कामता की आवाज़ थी…अमिताभ जी के 2 साथीयों में से एक कामता सिंह था….लगभग 3 महीने ठहरा था वहां…उस दौरान कामता के साथ जो रिश्ता जुडा…और आने वाले सालो तक बना रहा……मेरे और कामता का रिश्ता क्रिकेट के कारण जुडा था…रोज़ रात को महफिल जमती और क्रिकेट की बातें शुरू….न जाने कितनी रातें क्रिकेट की बातों मे कामता के साथ कांटी याद नहीं..अभी 2 हफ्ते पहले ही बात हुई थी कामता से…उसने कहा ” भैया..एक बात बताएं…हमने आई 10 कार ख़रीद ली है और हमने न्यूज़ 24 ज्वाईन किया है”…. कामता को आगे बढ़ता देख मन में सुकून की अनुभूति होती थी…कुछ लोग होते हैं जिनके जाने की आदमी कभी कल्पना ही नहीं कर सकता..मृत्यु से कामता का रिश्ता नहीं हो सकता…पर हो गया….सांत्वना का हर लफ्ज़ जिन्दगी की इस हक़ीक़त के सामे बौना नज़र आता है….पर Kamta Singh तुम मेरी यादो में हमेशा रहोगे….
हेमराज सिंह चौहान – Kamta Singh जब से तुम्हारे हम सबको छोड़कर दूर जाने की ख़बर मिली है विश्वास नहीं हो रहा है. रह-रह कर तुम्हारा मुस्कुराता चेहरा आंखो के सामने आ रहा है.. तुमसे जुड़ी कई बातें याद आ रही हैं।इंडिया टीवी के रिसर्च डिपार्टमेंट का सबसे होनहार सहयोगी याद आ रहा है जिसने हमेशा आगे आकर मदद की.यहीं से मुलाकात के बाद ही हमारी दोस्ती की नींव पड़ी.अपनी शादी के बाद जब तुम वापस लौट कर आए थे कितने ख़ुश थे दोस्त,तुमने ना जाने कितने बार घर पर खाने पर बुलाया पर ना आ पाने का आज बहुत अफसोस हो रहा है.क्या पता था तुम इतनी जल्दी चले जाओगे वरना ज़रुर आता.इस बहाने तुम्हारे साथ बातें तो कर पाता.अभी जब पिछले दिनों तुमसे मोबाइल फोन पर बात हुई थी तो न्यूज़ 24 में अपनी नई जॉब को लेकर कितने उत्साहित थे तुम.भविष्य की योजनाओं के बारे में ज़िंदादिली से बता रहे थे पर कहते हैं ना कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं होती, होनी को कोई नहीं टाल सकता है. आपके परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की ईश्वर शक्ति दे. ये समय तुम्हारे जाने का नहीं था दोस्त, सोने के बाद ऐसी नींद की कभी दोबारा उठ नहीं पाए, मित्र तुम्हें विन्रम अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि.
अमिताभ श्रीवास्तव – रुला के गया ,कामता अपना…कामता ये क्या कर गए बाबु,ये कोई जाने का वक़्त था,अब कैसे कहूँ बाबु ,मईया तुम्हारी आत्मा को शांति दें। अश्रुआंजलि, शब्दाजंलि, भावांजलि,पुष्पांजलि.. बाबू,अमिट है आपकी स्मृतियां.
Bhanu Prakash इस शून्य, इस बेहद दुखदायी पल को नहीं भूला जा सकता… एक अनुज के जाने का गम आजीवन डंक मारता रहेगा.. वो सामने से मुस्कुराते आता था.. हंसाता था लेकिन हम सबों को रात के अंधियारे में छोड़कर चला गया। शायद ! प्रभु को हम सभी का अल्प काल का साथ मंजूर था… ये भी मन को समझाने वाले शब्द और वाक्य हैं.. लेकिन यथार्थ ये है कि कामता जी के जाने का गम चिरस्थायी है।
अजीत कुमार सिंह – कामता ऐसे जाना बहुत अखर रहा है..
Karmik Mallik – “I was deeply saddened to hear about your loss. It was so unexpected. You have my deepest sympathy.” Kamta Singh R.I.P.
Shivam Mishra – My god it’s very shocking
I started my journey with him Voice of movement Lucknow
My god I am not believe this