सरकार बनाने में व्यस्त न्यूज चैनलों ने की महाराष्ट्र में दलित हत्याकांड की अनदेखी

महाराष्ट्र के अहमदनगर में जघन्य दलित हत्याकांड
महाराष्ट्र के अहमदनगर में जघन्य दलित हत्याकांड

महाराष्ट्र में हुआ जघन्य दलित हत्याकांड, नेशनल चैनलों ने बनाई दूरी

मनीष श्रीवास्तव

महाराष्ट्र के अहमदनगर में  जघन्य दलित हत्याकांड
महाराष्ट्र के अहमदनगर में जघन्य दलित हत्याकांड

दीपावली शुभ पर्व है। दीपो को त्यौहार है। सभी धर्म समुदाय इसे  हर्षोल्हास से मनाते है। आपसी मनमुटाव को दरकिनार करके एक दूसरे को मिठाई देते है। लेकिन इसी शुभ पर्व पर महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में जवखेड गाँव में एक ही दलित परिवार के तीन लोगो की बर्बरता से ह्त्या कर दी गई जिसमे संजय जगन्नाथ जाधव (४२), जयश्री संजय जाधव (३८) और उनका एकमात्र सुपूत सुनील (१९) शामिल है।

घटना इतनी भयावह है कि तीनो के लाश के टुकड़े करके कुएं में फेक दिया गया। यह तीनो मजदूर दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। घटना का कारण क्या है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया। पुलिस घटना की जांच में जुटी है, लेकिन इस जघन्य हत्याकांड को लेकर नेशनल मीडिया की असंवेदनशीलता, उदासीनता साफ़ दिखाई दे रही है।

राजनीतिक पार्टी और नेताओ के लिए यह जातिगत- धार्मिक गुणाभाग का चुनावी समीकरण समझ में आता है। किन्तु मीडिया के लिए इस खबर को खबर न बनाना समझ से परे है. मीडियाकर्मी का दायित्व है घटना से अवगत कराना. यदि कोई मीडियाकर्मी ऐसा नहीं करता तो उसे मीडिया प्रोफेशन में रहने का कोई अधिकार नहीं.

अहमदनगर जिले के जिस गाँव में यह जगण्य दलित हत्याकांड हुआ है वहां से पुणे महज ३ घंटे के दूरी पर है। सभी नेशनल चैनल के रिपोर्टर पुणे में है। मुंबई में नेशनल चैनलों के ब्यूरो, रिपोर्टर्स है। कंपनी सभी संसाधन मुहैया कराती है। लाखो के पैकेजे नेटवर्क इन्हे देते हैं। इन्हें सभी सुविधाएँ मिली हुई है। इस घटना को कुछ घंटे में ब्यूरो, रिपोर्टर्स लाईव प्रसारण कर सकते थे। किन्तु इस जघन्य दलित हत्याकांड को नेशनल टीवी चैनलों ने ठेंगा दिखाया है।

मुंबई कार्यान्वित किसी भी नेशनल चैनलों के रिपोर्ट्स, ब्यूरो ने इस हत्याकांड को गंभीरता से नहीं लिया। वैसे मुंबई में कार्यान्वित बड़े चैनलों के ब्यूरो, रिपोर्टर ओबी वैन में बैठकर दिनभर नेताओ के इर्दगिर्द घूमते रहते है। लेकिन इतने संवेदनशील, गंभीर मामले को कवर करने में वक्त नहीं निकाल सके।

गौरतलब है मुंबई के बड़े बैनर के रिपोर्टर्स,ब्यूरो ने कई राजनेताओ के इंटरव्यू प्रसारीत करके करोडो रुपये बनाये है। महाराष्ट्रा से कई बार बिना सिर-पैर की स्टोरी प्राइम टाइम बुलेटिन रिपोर्टर्स, ब्यूरो प्रसारित करते है। जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं होती।

उम्मीद है दिल्ली में बैठे मीडियाकर्मी इस जघन्य दलित हत्याकांड को नेशनल चैनलों में तवज्जो देगे। मोदी सरकार सामाजिक मामलो के लेकर काफी संवेदनशील है। उम्मीद है केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और देश के वजीर – ए- आलम नरेंद्र मोदी इस घटना को संज्ञान में लेंगे।

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