सुशांत सिंह,एंकर,एनडीटीवी इंडिया
टीवी पर न्यूज़ चैनलों की स्क्रीन पर खिड़कियां खोलकर बहस चल रही है कि आगरा में मुसलमानों का धर्म परिवर्तन कैसे करा दिया गया, क्या सब मोदी सरकार की वजह से है ?
लेकिन कोई ये भी तो बताए कि केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी का 2012 में वहां की विधानसभा में दिया बयान बताता है कि साल 2006 से 2012 के बीच केरल में सात हज़ार से ज्यादा लोगों ने धर्म परिवर्तन करके इस्लाम अपनाया, तब नैशनल चैनल्स ने बहस की खिड़कियां क्यों नहीं खोली थीं? इसी दौरान दो हजार से ज्यादा लोग हिन्दू भी बनें, तब तो केन्द्र में मोदी सरकार नहीं थी। क्या इसके लिए तब की मनमोहन सरकार ज़िम्मेदार थी?
देश भर के अलग अलग हिस्सों में ऐसा हीं हो रहा है, क्या हर बार मीडिया इतना हीं गंभीर होगा? लोग राशन कार्ड जैसी चीज़ बन जाने के लालच में धर्म परिवर्तन की सोच लेते हैं, उनके हालात के परिवर्तन का बुनियादी मुद्दा उठेगा?
(स्रोत-एफबी)