राणा यशवंत,प्रबंध संपादक,इंडिया न्यूज़
इस देश में चीजें कितनी तेजी से बदलती है इसका अंदाजा किसी ऐतिहासिक फैसले या फिर नतीजे पर धकमपेल बोलनेवाले धुरंधरों को ज़रुर होना चाहिए। मई में मोदी की आंधी चली । उनके पीएम बनने से लेकर आजतक मोदी जब कहीं और जब कभी बोल रहे होते हैं न्यूजरुम में आवाज तेज होने लगती है- अरे यार मोदी बोल रहे हैं काटो, जल्दी काटो।
लेकिन आज मोदी हजारीबाग में बोल रहे थे, सभी चैनलों के न्यूजरुम में लाइव फीड आ रही थी और किसी ने नहीं काटा । पिछले नौ महीनों में ऐसा शायद पहली बार था कि मोदी को सुनाने की जरुरत कहीं भी मसहूस नहीं हुई। लोगों के जी से कोई चीज उतरने लगती है तो चैनलों की जरुरत से भी उतरना लाज़िमी सा हो जाता है। @fb