न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन अरविंद केजरीवाल के बयानों से खफा है. गौरतलब है कि हाल ही में केजरीवाल ने कई मौकों पर मीडिया को खूब आड़े हाथों लिया और उसे नरेंद्र मोदी और भाजपा के हाथों बिका हुआ तक करार दिया. इसी बात से खफा न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के अपुष्ट आरोपों पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी है कि अगर आम आदमी पार्टी के नेता और उनके सहयोगियों ने सावधानी नहीं बरती तो उनके कवरेज पर पुनर्विचार करने को बाध्य होना पड़ेगा.
एनबीए ने कहा कि वह यह जानकर काफी स्तब्ध है कि अरविंद केजरीवाल एवं उनके सहयोगी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बारे में अपुष्ट एवं आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि राजनीतिक दल 2014 के आम चुनावों के दौरान अपने एजेंडे के लिए उसे भुगतान कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है कि एनबीए केजरीवाल और उनके सहयोगियों को बताना चाहता है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया स्वतंत्र है और अपना काम निष्पक्ष, पारदर्शी एवं संतुलित तरीके से कर रहा है. संगठन ने आप से अपील की कि वह इलेक्ट्रानिक मीडिया पर बेबुनियादी एवं अपुष्ट आरोप नहीं लगाए.
एनबीए ने अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के असत्यापित, निराधार और अपमानजनक आरोपों को अफसोनाक करार दिया है.
एनबीए ने अपने प्रेस रीलीज़ में कहा कि यह बहुत ही निराशाजनक है कि जिस पार्टी को मीडिया ने जबरदस्त कवरेज दी अब जब मीडिया उनके शासन की शैली की छानबीन कर रहा है तो वही पार्टी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आरोप लगा रही है.
बहुत सही कहा मीडिया ने केजरीवाल को पुनर्विचार के लिए कहा पर जो लोग देख रहे यह सुन रहे की सभी मीडिया चैनल इक बीके हुवे कर्मचारी की तरह काम कर रहे है आज तक और ib7 जो सिर्फ केजरीवाल के खो खो से लेकर पसीना पोचाने का काम कर रहा है तो कौन सा मीडिया रिपोर्टर जो गुलामो की तरह इक बात पूछता है की मोदी ने गुजरात दंगो में जेल क्यों नहीं गए पर मीडिया कभी यह नहीं कहती है की 10 सालो से सेंटर में कांग्रेस की सरकार है क्या वह अपनी नाकबिलियात के कारन या फिर मुदो के खातिर गुजरात दंगो को उठती है कभी मीडिया पेनाल ने कभी कांग्रेसी यह नहीं कहा की उस पर तो है हाई कोर्ट का भी फैसाला आ गया है तो क्यों उस पर चर्चा होती है क्या विकास के नाम पे बहस क्यों नहीं होती है