अरविंद शेष,पत्रकार
नेपाल के भूकम्प में एक महिला के घर के लोग मारे गए। एक भारतीय अंगरेजी चैनल का पत्रकार उससे पूछता है- “क्या आपका कोई मरा है?” महिला कहती है- “हां!” इसके बाद वह अंगरेजी पत्रकार दस बार पूछता है-
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
“क्या आपका कोई मरा है?”
…आप सिर्फ कल्पना कर सकते हैं कि ऐसा करने वाले बेशर्म पत्रकार और उसके बहाने उसके देश की कौन-सी छवि उभरी होगी भूकम्प से मर रहे लोगों और उस देश और समूची दुनिया में…! जी हां, यह इस महान भारत का एक महान भारतीय पत्रकार है! क्या बात-बात पर उत्पात मचाने वाले भगवा राष्ट्रभक्तों को शर्म आ रही है या क्या उनका खून खौल रहा है कि वे ऐसे तमाम पत्रकारों को कॉलर से पकड़ कर थप्पड़ लगाएं और उस भयानक त्रासदी से जूझ रहे लोगों, उनके देश और दुनिया से माफी मांगें कि इस मूर्ख को पत्रकार नहीं, जमीर और जज्बात से हीन और अंधभक्ति में पागल अपराधी माना जाए…!
अभी तो सिर्फ #Gohomeindianmedia का ट्रेंड चला है, अगर किसी दिन पीड़ित लोग या साधारण लोग खदेड़-खदेड़ कर पीटना शुरू कर देंगे, तब समझ में आएगा कि त्रासदी के कारोबार का क्या मतलब होता है और उसका हासिल क्या हो सकता है…!
@fb