-संजय सेन सागर-
एनडीटीवी पर बैन उसकी गलत रिपोर्टिंग को लेकर लगा है जिसमे वो लाइव रिपोर्टिंग के दौरान बता रहे थे की आतंकवादी उस जगह तक पहुँच चुके है जहाँ सेना के हथियार रखें हुए है जिसमे बम और मोटर्र जैसे हथियार शामिल है। अब जरा सोचिए लाइव न्यूज़ देखने के बाद आतंकवादियों को ऑपरेट करने वाला अगर उन तक यह खबर पंहुचा देता तो हिंदुस्तान का क्या हश्र हो सकता था।
देश को इतनी मुश्किल में डालने वाली पत्रकारिता के लिए यह बैन कितना सही है यह समझना मुश्किल नही है। सत्य और ईमानदारी का चोला पहनकर आप चाहे किसी भी धर्म या राजनीतिक पार्टी की कठपुतली बने रहिये हमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आपकी इस ढोंगी बुद्धिजीवता की आड़ में देश को तबाह होने देना किसी भी सरकार के लिए शर्मनाक होता। मुझे गर्व है कि किसी सरकार ने तो कम से कम संविधान के इस चौथे स्तंभ को उसकी गलती की सजा देने की हिम्मत दिखाई।
जो कह रहे है कि एनडीटीवी ने मोदी जी की आरती नहीं उतारी तो यह बैन लगा। ठीक है कांग्रेस की आरती तो रवीश और बरखा ने दशकों उतारी कांग्रेस को क्या मिल गया? सूपड़ा साफ। मोदी जी को ऐसे चैनल से आरती उतरवाने का कोई शौक नहीं है जो खुद की साँसे गिन रहा हो। क्योंकि देश की जनता ने आरती उतारकर ही सिंहासन तक पहुंचाया है। इतने महत्वपूर्ण इंसान को कटघरे में खड़ा करके टीआरपी बढ़ाने की कोशिश की सराहना जरूर की जाना चाहिए।
अगर रवीश वाकई इतने ही बुद्धिजीवी और ईमानदार होते तो देश की जनता और सेना से माफ़ी मांगते। यूँ झूठ का पुलिंदा बनाकर देश को गुमराह करने की कोशिश ना करते। सोचकर हंसी आती है सबको भक्त कहने वाले कैसे चमचे बनकर देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के झूठ को चिल्ला चिल्लाकर उसे सच साबित करने की कोशिश में जुटे हुए है। हे ईश्वर इन्हें सदबुद्धि देना और ऐसी पत्रकारिता से देश को बचाना।
निवेदक
संजय सेन सागर