असम की 15 साल की गायिका नाहिद आफ़रीन फतवे को लेकर सुर्खियों में है. न्यूज़ चैनलों की सुर्ख़ियों से लेकर तमाम अखबारों और पोर्टलों परर फतवे पर निशानी साधती ख़बरें हैं. लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आया है और कहा जा रहा है कि फतवा नाहिद के खिलाफ नहीं बल्कि उस कार्यक्रम के खिलाफ था जो कब्रिस्तान और मस्जिद के पास होने वाला था. दरअसल में ये अपील थी. एनडीटीवी ने बाकायदा इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की और माफ़ी भी मांगी. नीचे एनडीटीवी द्वारा प्रसारित वीडियो है. लेकिन उसके पहले पढ़िए इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार नदीम एस.अख्तर क्या कहते हैं –
नदीम एस.अख्तर
ये नाहिद नाम की किशोरी और उसके खिलाफ 40 से ज्यादा फतवे का क्या मामला है भाई?
भाई लोग दनादन दागे हुए हैं। फतवे का मतलब भी मालूम है उनको?
मेरी जानकारी में जिन 40 लोगों ( कौन जाने मुफ़्ती है या चपरासी क्योंकि फतवा तो मुफ़्ती ही दे सकता है) ने साइन किया है, उनमें से शायद कोई मुफ़्ती नहीं। दूसरी बात, उस कागज़ पे कहीं भी किशोरी नाहिद का नाम नहीं है।
फिर देश में ये फतवा और नाहिद की अफवाह कौन फैला रहा है और फेसबुकिए विचारशील उछल कर कूद रहे हैं? व्यक्तिगत मत लीजिएगा लेकिन किसी खबर पर टिपण्णी करने से पहले चेक तो कर लीजिए!
वर्ना कल को तो ये भी कह देंगे कि इसरो ने जो 100 से ज्यादा satellite 📡अपने बलबूते लॉन्च किया है, वो नासा से चुराई तकनीक का कमाल है।
किस-किस को रोकियेगा। फेसबुक पे अफवाह रोकिये, फैलाइये नहीं।