समाचार चैनलों की दुनिया में टीआरपी सबसे अहम शब्द है. समाचार चैनल तो समाचार चैनल अब आम जनता व दर्शक के बीच भी टीआरपी शब्द खासा लोकप्रिय हो गया है. दर्शक जान गए हैं ख़बरों के नाम पर सारा रायता कमबख्त इसी टीआरपी की वजह से ही फैलता है.
लेकिन टीआरपी है क्या? टीवी न्यूज़ की दुनिया में इसकी अहमियत क्यों है? कैसे ये बाज़ार को और बाज़ार इसे प्रभावित करता है? ऐसे ही सवालों का जवाब देने के लिए जल्द ही एक किताब बाज़ार में आने वाली है. किताब का नाम टीआरपी,टीवी न्यूज़ और बाज़ार है और इसे लिखा है वरिष्ठ पत्रकार डॉ.मुकेश कुमार ने .
डॉ.मुकेश टेलीविजन पत्रकारिता का जाना – पहचाना नाम है और लंबे समय से टेलीविजन इंडस्ट्री में कार्यरत हैं. इस दौरान उन्होंने न्यूज़ एक्सप्रेस,मौर्या,सहारा आदि कई चैनलों को लॉन्च करवाया. किताब वाणी से आ रही है. गौरतलब है कि डॉ.मुकेश कुमार की पीचडी का विषय भी ‘टीआरपी’ ही था.
अपनी किताब के बारे में जानकारी देते हुए डॉ.मुकेश कुमार एफबी पर लिखते हैं –
दोस्तों, टीआरपी के पूरे खेल को समझने-समझाने और उसके टेलीविज़न न्यूज़ पर पड़ने वाले असर पर मेरी शोधपरक पुस्तक जल्द ही वाणी प्रकाशन से आने वाली है। उसका कवर तैयार हो गया था, सोचा आपसे शेयर करूँ।