भारतीय चैनलों पर पिछले कुछ महीनों में जैसी नरेंद्र मोदी की कवरेज हुई है वैसा जयकारे के बारे में खुद प्रधानमंत्री ने भी न सोंचा होगा और न चाहा होगा. कई न्यूज़ चैनलों में बस कमल ही कमल है. कई सेल्फी लेकर सेल्फी पुरुष के चरणों में लोटने के लिए तैयार बैठे हैं. कई कह रहे हैं कि कीचड़ में ही कमल खिलता है और मीडिया के कीचड़ में कमल खिल गया है तभी तो किसी ने ठीक ही कहा है कि मोदी ‘zee’ के ‘सुदर्शन’ व्यक्तित्व के प्रभाव से ‘आजतक’ पूरा ‘India’ निकल ही नहीं पा रहा. आगे आप खुद ही समझदार है.
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टेलीविजन पत्रकार अभिषेक उपाध्याय रचनात्मक है और यही वजह है कि रिपोर्टिंग के साथ-साथ वे लिखते-पढ़ते भी रहते हैं।
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