अरुण जेटली को तत्काल बर्खास्त करें मोदी

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-अभय सिंह-

अभय सिंह ,राजनैतिक विश्लेषक
अभय सिंह,
राजनैतिक विश्लेषक

बड़ा अजीब संयोग है की मृतप्राय कांग्रेस के बेहतरीन योजनाकार,विशेषज्ञ आज खाली बैठ कर राहुल गांधी की चापलूसी में लगे हैं ।और सत्ताधारी बीजेपी कामकाज को रफ़्तार देने के लिए प्रतिभा-संकट से जूझ रही है ।महज इंटर पास स्मृति ईरानी को बेहद अहम HRD मंत्री बना कर मोदी ने 2 साल तक अपनी खूब फजीहत कराई।इससे भी अधिक फजीहत अरुण जेटली को वित्तमंत्री बनाकर कराई।

अरुण जेटली पेशे से वकील है आर्थिक मामलों में उनकी अल्पज्ञता उनके लचर कामकाज में साफ़ देखी जा सकती है। पार्टी में ही सुब्रमण्यम स्वामी उनके कामकाज पर हमेशा सवाल उठाते रहे हैं। याद रखना होगा कि कांग्रेस को 2004 की सत्ता संघ एवं बीजेपी की आपसी कलह के कारण प्राप्त हुई ।2005 में कांग्रेस के योजनाकारों ने नरेगा जैसी बेहतरीन योजना को सफलतापूर्वक लागू करके 2009 की दावेदारी पक्की कर ली यानी केवल एक अच्छी योजना भी सरकार की आगे की राह को आसान क्र सकती है।

इसके उलट 2014 से अब तक मोदी के अथक परिश्रम के बावजूद सरकार एक भी ढंग की योजना नहीं ला सकी जिससे जनमानस में गहरा प्रभाव हो।आज मोदी कांग्रेस की योजनाओं को आगे बढ़ाते दिख रहे है।मोदी जिस तेजरफ्तार से आगे बढ़ रहे है इसके ठीक विपरीत उनके मंत्री उनसे तिहाई रफ़्तार भी नहीं पकड़ पा रहे है।

ताजा मामला नोटबन्दी के लचर क्रियान्वयन का है।इतने बुरे हालात के बाद भी देश की जनता पीएम नरेंद्र मोदी का भारी समर्थन कर रही है लेकिन 50 दिन बाद यदि मुद्रासंकट बरकरार रहा तो दांव उल्टा भी पड़ सकता है।रजत शर्मा के आप की अदालत में नोटबंदी पर वित्तमंत्री की दलील सुनकर लगा की ये सरकार के वित्त मंत्री है या संवेदनहीन कसाई।

मोदी के कुछ टॉप मंत्री नितिन गडकरी ,राजनाथ सिंह,सुषमा स्वराज्य,सुरेश प्रभु,मनोज सिन्हा,प्रकाश जावड़ेकर,वीके सिंह,निर्मला सीतारमण का कोई सानी नहीं हैं ।लेकिन वित्त मंत्रालय का जिम्मा किसी बेहद योग्य व्यक्ति को देना उचित होगा जो मोदी के कामकाज की तेज रफ़्तार से तालमेल बिठा सके ।

(लेखक राजनैतिक विश्लेषक हैं)

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