-अखिलेश आनंद,एंकर,एबीपी न्यूज़ –
जिस देश के आम लोगों को बिना लाइन में लगे कुछ मिला ही ना हो. चाहे गैस कनेक्शन हो, टेलीफोन कनेक्शन हो, राशन कार्ड हो, आधार कार्ड हो, बैंक में खाता खुलवाना हो या बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवाना हो..उन्हें नेता लंबी लाइन का हवाला देकर नोटबंदी के खिलाफ उकसाने में लगे हैं.
चिंता अपनी, बहाना जनता का. अरे बेशर्मों सबका हक मारकर बिना लाइन हमेशा हर चीज हासिल करते रहे अब लोगों के लाइन में लगने पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हो.
दिक्कत आम लोगों को या टैक्स देने वाले सर्विस क्लास को नहीं बल्कि उन नेताओं, कारोबारियों और ब्यूरोक्रेट्स को हो रही है जिन्होंने हराम की कमाई की और बिना चवन्नी टैक्स दिए पैरलल इकोनॉमी चला रहे थे.
चुनाव सुधार की दिशा में भी मोदी सरकार का ये कदम मील का पत्थर साबित हो सकता है.