कहते हैं इतिहास अपने आप को दुहराता है. महुआ न्यूज़ में यही हो रहा है. पिछले साल की तरह इस बार भी महुआ न्यूज़ में पत्रकारों ने हड़ताल कर दी है और कामकाज ठप्प पड़ गया है. लाइव बंद हो गया है और रिपीट टेलीकास्ट हो रहा है.
हड़ताल की वजह वही पुरानी है. यानी सैलरी का ना मिलना. पिछले तीन महीने से यहाँ के पत्रकारों को सैलरी नहीं मिली है. इसी वजह से हड़ताल शुरू हुई जो अब भी जारी है.
इतिहास की पुनरावृति करते हुए महुआ के पत्रकार चैनल दफ्तर में ही डँटे हुए हैं और तबतक वही जमे रहेंगे जबतक कि उनकी मांग न पूरी हो जाए.
इस बीच यह भी खबर आ रही है कि चैनल के संपादक किशोर मालवीय ने भी पत्रकारों के समर्थन में अपना इस्तीफा मैनेजमेंट को सौंप दिया है.
पत्रकारों की मांग है कि तीन महीने की बकाया राशि के साथ उनें दो महीने का अग्रिम सैलरी दी जाए. जिसके बाद वे चैनल छोड़कर चले जायेंगे.
हड़ताल में सौ से अधिक पत्रकार शामिल हैं. चैनलों के गढ़ फिल्म सिटी, नोयडा में हड़ताल को लेकर गहमा-गहमी है. वैसे भी पिछले कुछ समय से फिल्म सिटी में धरना – प्रदर्शन की घटनाएं हो रही है. कुछ समय पहले आइबीएन -7 सीएनएन के पत्रकारों की छंटनी पर बवाल मचा था और फिल्म सिटी में ऐतिहासिक धरना-प्रदर्शन हुआ था. हालाँकि इस धरना – प्रदर्शन का कोई असर वहां के मैनेजमेंट की कार्यप्रणाली पर नहीं पड़ा और बाद में भी लोग निकाले जाते रहे.
वैसे बताते चले कि महुआ न्यूज के मालिक पी के तिवारी हैं जो बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले में तिहाड़ जेल की हवा भी खा चुके हैं. उसके बाद से ही चैनल की माली हालात खस्ताहाल है. पिछले साल इसी वजह से उत्तरप्रदेश के चैनल ‘महुआ न्यूज़लाइन’ को बंद कर दिया गया था.