लोकसभा टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बर्खास्त,ओम थानवी ने बताया शर्मनाक घटना

खबर : लोकसभा टीवी के सीईओ राजीव मिश्र को लोकसभा स्पीकर ‘मीरा कुमार’ ने किया बर्खास्त
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ओम थानवी,संपादक,जनसत्ता

मीरा कुमार ने यह शर्मनाक काम किया है। नैतिक रूप से निहायत गलत। उनकी और उनकी पार्टी की हार के बाद जब अगली लोकसभा में नया स्पीकर चार रोज बाद ही चुना जाने वाला है, मीरा कुमार ने लोकसभा टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है। महीने भर का लाजिमी नोटिस तक दिए बगैर। वजह मीरा ने तो आदेश में नहीं बताई, पर पता चला है उन्हें कोफ्त थी कि लोकसभा टीवी पर उनकी हार की खबर और चैनलों की तरह शाया क्यों की गई। मगर यही तो लोकसभा और राज्यसभा चैनलों की विशेषता है। वे पेशेवर शैली में काम करते हैं। सरकार से वे खौफ नहीं खाते, क्योंकि उन पर सरकार का नियंत्रण नहीं होता। हालाँकि राज्यसभा चैनल ज्यादा सक्रिय और व्यापक है। उनका बजट भी लोकसभा टीवी से ज्यादा है; पार्टी-पॉलिटिक्स से दूर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा अध्यक्ष हामिद अंसारी चैनल के स्वतंत्र परिवेश के नियामक हैं। लेकिन मीरा कुमार ने अपने चैनल के साधन और कलेवर बढ़ाने में शायद ही कभी दिलचस्पी ली होगी। फिर भी लोग वहां कुछ अलग तरह का काम करते हैं। सीमित स्टाफ के बीच चुनाव के दौरान सीईओ राजीव मिश्र खुद भारी गरमी में रिपोर्टिंग करने निकले थे। … जाते-जाते मीरा कुमार की खीज का यह इजहार मीडिया जगत में एक और बुरी खबर लाया है।

वर्तिका नंदा

मैं मीरा कुमार जी के इस बेहद गैर-जिम्मेदाराना कदम का कठोर शब्दों में विरोध करती हूं। लोक सभा टीवी स्पीकर की निजी संपत्ति नहीं है। जो हाल दूरदर्शन का रहा है, क्या वही लोक सभा का भी चाहती हैं क्या आप। अपनी हार की जिम्मेदारी लीजिए और सीइओ या चैनल को उसके लिए कतई जिम्मेदार न ठहराइए। यह अलोकतांत्रिक है पूरी तरह से।

शिवानन्द द्विवेदी सहर

देखन में छोटन लगे,घाव करे गंभीर। जी हाँ, सामान्यतया बेवजह भी अपनी मुस्कराहट से मोनालिसा को मात देने वाली पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार नें जाते-जाते एक ऐसा फैसला लिया है जो उनकी नीयत पर सवाल उठाता है। खबर है कि मीरा कुमार ने अपनी हार की खबर दिखाने और भाजपा नेताओं का साक्षत्कार लेने के कारण लोकसभा टीवी के मुख्य कार्यपालक राजीव मिश्र को अंतिम प्रभाव में निलम्बित कर दिया है। खबर ये भी है कि अपने कार्यकाल के दौरान मीरा कुमार अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर बाबू जगजीवन राम के नाम पर तमाम डाक्यूमेंट्री भी बनवाती रहीं हैं। इसके अलावा अपने बेटे के रिश्तेदार को लोकसभा का मीडिया को-ऑर्डिनेटर भी बनवा दिया था। अब जाते-जाते मीरा कुमार नें अंतिम फैसले में राजीव मिश्र को हटाकर अपनी हार की खबर को चलाए जाने का बदला लिया है। राजीव मिश्र के बारे में लोकसभा टीवी के तमाम पत्रकारों(कर्मचारियों) का नजरिया बेहद शानदार रहता है। मीरा कुमार का यह फैसला निहायत शर्मनाक और भेद-भाव पूर्ण है। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं।

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