विश्व हिंदू परिषद की पत्रिका हिमालय ध्वनि ने करीना कपूर की कैसी तस्वीर छापी!
पत्रिकाओं का कवर पेज विवादों को जन्म देने का एक अच्छा जरिया है या यूँ कहिए कि विवादों को जन्म देने और अपने मुद्दे की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए कवर पेज का इस्तेमाल किया जाता है और कई बार ये दुरूपयोग की सीमा तक जा पहुँचता है. ऐसा ही कुछ विश्व हिंदू परिषद की पत्रिका हिमालय ध्वनि ने करीना कपूर की एक तस्वीर छाप कर की है. पूरी रिपोर्ट –
‘लव जिहाद’ को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा और विश्व हिंदू परिषद की पत्रिका ‘हिमालय ध्वनि’ के ताजा अंक के आवरण पृष्ठ पर अभिनेत्री करीना कपूर की मॉर्फ की गयी तस्वीर छापे जाने से यह और बढ़ गया है जिसमें अभिनेत्री का आधा हिस्सा बुर्के से ढंका दिखाया गया है। अभिनेता सैफ अली खान की पत्नी करीना की तस्वीर तेजी से फैल गयी है और अनेक लोगों ने इस पर आपत्ति जताते हुए पत्रिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि विहिप ने दावा किया कि संगठन की हिमाचल इकाई ने आंतरिक वितरण के लिए पत्रिका प्रकाशित की है और हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण के विषय को इसमें रेखांकित करने का प्रयास किया है। कांग्रेस ने करीना की तस्वीर का इस तरह से इस्तेमाल करने की निंदा करते हुए कहा कि यह उनकी निजता पर हमला है और पत्रिका के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
पत्रिका की आवरण कथा का शीषर्क है- ‘धर्मांतरण से राष्ट्रांतरण’। इसमें हिंदू महिलाओं के धर्मांतरण के विषय को उठाया गया है और इसे ‘लव जिहाद’ नाम दिया गया है। पत्रिका की एक संपादक रजनी ठुकराल ने लेख और करीना की तस्वीर के प्रकाशन का बचाव किया है। वह विहिप की महिला इकाई दुर्गा वाहिनी की क्षेत्रीय समन्वयक भी हैं।
उन्होंने कहा कि ‘लव जिहाद’ का मुद्दा देश में 12 से 15 साल पहले शुरू हुआ था और इस तरह के 4,000 मामले दर्ज किये जा चुके हैं जिनमें मुस्लिम लड़कों ने कथित तौर पर हिंदू लड़कियों को प्यार में फंसाया और बाद में उनके साथ बदसलूकी की। रजनी के मुताबिक हिमाचल में इस तरह की घटनाएं घटती रहीं हैं और पिछले साल ऐसे 16 मामले सामने आये थे। हमने लोगों के बीच जागरकता लाने के लिए इस मुद्दे पर रोशनी डालने की कोशिश की है।
करीना की मॉर्फ की गयी तस्वीर का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘करीना एक आइकन और रोल मॉडल हैं। युवतियां उनका अनुकरण करने का प्रयास करती हैं।’ रजनी ने सवाल किया कि अगर करीना और सैफ एक दूसरे से प्यार करते हैं तो करीना को ही धर्म क्यों बदलना पड़ा और सैफ हिंदू क्यों नहीं बन गये। विपक्ष ने पत्रिका के आवरण पृष्ठ पर करीना के चेहरे का इस तरह से इस्तेमाल किये जाने की निंदा की है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘यह उनकी निजता पर हमला है। उन्हें पत्रिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। किसी को किसी की निजता के हनन का अधिकार नहीं है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि समय आ गया है कि देश में सभी उदारवादी एक साथ खड़े हों ताकि समाज में इस तरह का चलन बंद हो। हालांकि विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि पत्रिका राज्य में संगठन के आंतरिक वितरण के लिए छापी गयी थी।
उन्होंने कहा,‘‘पत्रिका हिमाचल प्रदेश में विहिप के आंतरिक वितरण के लिए थी। इसमें लेख के जरिये बताया गया कि ‘जिहादी’ किस तरह लड़कियों को बहलाते फुसलाते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘‘इसमें हिमाचल प्रदेश में आ रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों का विषय भी उठाया गया है।’ भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि धर्मांतरण का मुद्दा नया नहीं है और अगर धर्मांतरण हो रहा है तो लोगों को वापस अपने धर्म में आने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, ‘हर व्यक्ति को यह अधिकार है। आप इस अधिकार को चुनौती नहीं दे सकते।’ कोहली के मुताबिक सरकार कह चुकी है कि धर्मांतरण पर एक कानून होना चाहिए और पत्रिका के संदर्भ में लग रहे आरोपों में सरकार या भाजपा के खिलाफ कोई आधार नहीं है। विपक्ष इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है। विहिप के एक और नेता ने कहा कि पत्रिका को अपने विचार प्रकाशित करने की स्वतंत्रता है और अगर किसी को समस्या है तो वे कानूनी तरीकों से पत्रिका को चुनौती दे सकते हैं।
(भाषा)