आज तुम इस दुनिया से नहीं गए मैं भी थोडा चला गया मेरे भाई ……
हाँ भाई कामता सिंह अब बताओ | आखिर ऐसी भी क्या नाराज़गी थी जो तुम ऐसे चले गए | भला कोई ऐसा करता है क्या | अरे जीवन के हर फैसलों में हर कदम पर हमसे बात की और अब बिना बताये बिना मिले ही ऐसे चले गए | ज़रा सा भी नहीं सोंचा की क्या होगा तुम्हारे जाने के बाद हमारा | अरे अब हम जब भी कुछ लिखेंगे उसको कौन बताएगा की क्या गलत है क्या सही | जीवन में मेरे वैसे ही इतनी परीक्षाएं रही हैं और आगे भी हैं तुमने वडा किया था की देश भाई आप परेशां न हो हम आप के साथ हैं |
याद है वो दिन जब रात में हम दोनों भाई और अलका तुम्हारे घर पर अलका के हाँथ की बनी पनीर की सब्जी खा रहे थे और तुम मुझे समझा रहे थे देश भाई आप तो कितने जिंदादिल इंसान हैं और मुस्कुराकर कह दिया भला आप को कौन दुःख दे सकता है और कौन हरा सकता है | याद है वो दिन भी जब हम अज्ञात वास में थे तुम मुझे हर रोज़ फ़ोन करते थे और कहते थे देश भाई ये कदम आपको सफलता दिलाएगा और मेरा हौसला बढ़ जाता था | याद है जब अचानक एक रोज़ सुबह सुबह मैं प्रियम मनीष विकास सब तुम्हारे घर दिल्ली आ धमके थे और तुमने ऐसा स्वागत किया था की आज भी अलका के हाथ का खाना और तुम्हारा प्यार हम नहीं भूल पाते |
तुम अक्सर कहते थे देश भाई आप आगे रहिये बढिए देखियेगा हमसब मिलकर लखनऊ में खूब नाम करेंगें | अरे तुम वो महान व्यक्ति हो मेरे जीवन के जिससे मैंने प्रेरणा ली है | तुम वो व्यक्ति हो जिसके चहरे से कभी भी मुस्कान को जाते नहीं देखा मैंने और तुम खुद चले गए ? ज़रा सा भी नहीं सोंचा की हम सब का क्या होगा | मेरे जीवन में मेरी शक्ति मेरी ज़िन्दगी और मेरी आत्मा तुम चुनिन्दा दोस्त ही तो हो जिसमें से आज तुम बिना बताये चले गए | यकीन मानो कामता भाई आज तुम ही नहीं इस दुनिया से गए हो मैं भी थोडा सा कम हो गया हूँ इस दुनिया में | तुम कभी याद नहीं आओगे क्योंकि मैं तुम्हें कभी भूलने नहीं वाला कामता भाई तुम्हारे लिए शायद अकेले में रो ज़रूर लूँगा पर कभी भी चेहरे से मुस्कान नहीं हटाऊंगा और हाँ तुमसे किये सभी वादे पुरे करूँगा | भाई तुमहो बहुत सारा प्यार आज तुम्हारा बड़ा भाई कमज़ोर हुआ है |
जहाँ रहना सुखी ही रहना |