विष्णुगुप्त
कई सुधीन्द्र कुलकर्नी, कई ब्रजेश मिश्रा कई महेश भट्ट, कई मधु किश्वत भाजपा और संघ के नजदीक परिक्रमा करने लगे हैं, पत्रकारों,लेखकों और बुद्धिजीवियो की भाषा बदलने लगी है। हिन्दुत्व को गाली देने वाले, कश्मीर को आजाद करने की मांग करने वाले, पाकिस्तान पक्ष में बोलने वाले पत्रकार, लेखक और बुद्धिजीवी अब मोदी राज में लाभार्थी बनने का जुगाड़ कर रहे हैं।
आपको याद करना होगा कि कैसे कभी घोर कम्युनिस्ट रहे सुधीन्द्र कुलकर्नी ने लालकृष्ण आडवाणी से जिन्ना का तारीफ करा कर आडवाणी को हाशिये पर भेजा, कश्मीरी आतंकवादी संगठन हुर्रियत को दिल्ली बुला कर सम्मानित करने वाली और पाकिस्तान की भाषा बोलने वाली मधु किश्वर अचानक नमो-नमो करने लगी। महेश भट्ट भी मोदी-मोदी कह रहे हैं।
आपने कहावत सुनी होगी … ‘‘शिकारी आयेगा, जाल बिछायेगा, दाना डालेगा, फंसना नहीं ‘‘। मैं इन सबों की सच्चाई जानता हूं। आप भी ऐसे लेखक, पत्रकार और बुद्धिजीवियों से बचिये और भाजपा-मोदी को भी बचाइये नही तो फिर……..?
(स्रोत-एफबी)