गडकरी का एहसान कभी नहीं भूलेगा ज़िया इंडिया

जिया इंडिया के पहले ही अंक पर मोदी की छाप
जिया इंडिया के पहले ही अंक पर मोदी की छाप

महाराष्ट्र के सीएम उनका इंतजार कर रहे थे और वे ‘जिया इंडिया’ का विमोचन!

नीतिन गडकरी ने किया 'जिया इंडिया' पत्रिका का विमोचन
नीतिन गडकरी ने किया ‘जिया इंडिया’ पत्रिका का विमोचन

मैं पहली बार कैबिनेट की बैठक बीच में छोड़कर यहाँ आया हूँ,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस मेरे घर पर इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन मुझे यहाँ आना ज़रूरी लगा- नितिन गडकरी

गडकरी साहब ने इतनी बड़ी जहमत उठायी ज़िया इंडिया के लिये.एक ऐसी पत्रिका के लोकार्पण के लिये जिसके मालिक ने ज़िया न्यूज़ बंद करके मीडिया की एक नयी दूकान खोली. इस नयी दूकान में हमारे कितने मीडिया साथियों को नौकरी मिली, ये तो सार्वजनिक नहीं है लेकिन हाँ ज़िया न्यूज़ के दर्जनों मीडियाकर्मी रातोंरात बेरोजगार हो गये.

ध्यान रहे ये वही चैनल है जिसने पिछले दिनों प्रेस रिलीज़ जारी करते हुये कहा था कि जिस पत्रकार स्नेहल बाघेला जिनकी रिपोर्टिंग के दौरान दुर्घटना हो गयी और अपना एक पैर खो दिया,उसका इस चैनेल से कोई सम्बन्ध नहीं है..प्रेस रिलीज़ के साथ ही ये भी खबर आई कि चैनल उन्हें मदद का आश्वासन दे रहा है.

जिया इंडिया के पहले ही अंक पर मोदी की छाप
जिया इंडिया के पहले ही अंक पर मोदी की छाप

बहरहाल एक ऐसा मीडिया संस्थान जो अपनी एक दूकान की शटर गिराकर एक मैगज़ीन शुरू करता है और जिससे कोई ये सवाल करनेवाला नहीं है कि यहाँ के मीडियाकर्मी कहाँ जायेंगे बल्कि इसके उलट नितिन गडकरी इसके लोकार्पण के लिये कैबिनेट की मीटिंग छोड़कर आते हैं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को घर बिठाकर इंतज़ार कराते हैं, वो मीडिया संस्थान भला क्यों आपकी और हमारी हिस्से की समझ से काम करेगा..और फिर गडकरी साहब की इस फील्डिंग का असर आप पत्रिका के पहले अंक की कवर स्टोरी पर तो देख ही रहे हैं.‪#‎मंडीमेंमीडिया‬

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