प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में फिर हिमालय लांघने की कोशिश की है। पाकिस्तान के विरुद्ध की गई शल्य-क्रिया (सर्जिकल स्ट्राइक) की तुलना उन्होंने इजराइली शल्य-क्रियाओं से कर दी और यह भी कह डाला कि पहले सारी दुनिया में इस्राइली फौज की चर्चा होती थी, अब भारतीय फौज की होती है। इसका लक्ष्य राजनीतिक लाभ लेना है तो हमें मानना पड़ेगा कि मोदी अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की कोशिश कर रहे हैं।
शल्य-क्रिया इतनी अधिक विवादास्पद हो गई है और पता नहीं उसके प्रमाणों को सरकार क्यों छिपाए बैठी है कि उसे भूल जाना ही बेहतर है। उसके प्रचार से जितना लाभ मिलना था, मिल चुका लेकिन अब बार-बार उसे आप रगड़ेंगे तो आप अपनी स्थिति हास्यास्पद बना लेंगे। उसके प्रमाणों की मांग भी जोर पकड़ेगी। नियंत्रण-रेखा के पार पैदल जाकर कैसी शल्य-क्रिया आपने की होगी, इसका अंदाजा लगाना लोग शुरु कर देंगे।
इस्राइल से भारत की तुलना करने की पट्टी पता नहीं मोदी को किसने पढ़ा दी? क्या मोदी को पता है कि फौजी शल्य-क्रिया क्या होती है? आपने न तोप न जंगी जहाज, न हेलिकाॅप्टर और न ही मिसाइलों से हमला किया सिर्फ पैदली कार्रवाई की। नियंत्रण रेखा के आर-पार पैदली मुठभेड़ें तो अक्सर होती रहती हैं। यदि आपने एक बार शल्य-क्रिया की तो पाकिस्तान ने 10-12 बार कर दी। यदि आपने की होती तो पिछले 15-20 दिन में पाकिस्तान हमारे खिलाफ दर्जन भर जवाबी शल्य-क्रिया कैसे कर लेता? उसके आतंकियों ने आपके भवनों पर कब्जा कर लिया, आपके पुलिसवालों की बंदूकें छीन लीं और आप सीना ठोककर अपनी गुप्त शल्य-क्रिया का गुणगान कर रहे हैं?
इस्राइल ने 1967 में शल्य-क्रिया की थी तो मिस्र के सैकड़ों जहाज एक झटके में नष्ट कर दिए थे और उसके सैनिकों ने अफ्रीका के एंटीबी हवाई अड्डे जाकर जहाज के आतंकियों को मार गिराया था। उसामा बिन लादेन को मारने के लिए अमेरिका ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इन सब शल्य-क्रियाओं के चित्र सारी दुनिया को दिखाए गए थे। आप उन्हें दिखाने से डर रहे हैं। आपने मच्छर जरुर मारे होंगे लेकिन आप अपने आपको महान शिकारी घोषित कर रहे हैं।
(फेसबुक से साभार)
डॉ.वेद प्रताप वैदिक,वरिष्ठ पत्रकार