जब से तमिलनाडु के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज़ टी. नटराजन के बारे में यह पढ़ा कि उनको आईपीएल की नीलामी के तीन करोड़ रुपये मिले. किंग्स एलेवन पंजाब की टीम से वीरेन्द्र सहवाग ने उनके नाम की तीन करोड़ की बोली लगाई.
तमिलनाडु की तरफ से रणजी में 9 मैच खेलकर उन्होंने महज 27 विकेट लिए हैं. टी ट्वेंटी के पांच मैचों में महज चार विकेट. अभी हाल में ही हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रोफी, जो टी टवेंटी मुकाबलों की थी, में वे कोई विकेट नहीं ले पाए. फिर आखिर क्या था उनमें? क्या दिखा होगा 25 साल के इस गेंदबाज़ में?
यह तो सब लिख रहे हैं कि वे समाज के बहुत निम्न तबके से आते हैं. असल में यह आईपीएल के किसी बड़े घपले की तरफ इशारा करता है. किसी अनजान खिलाड़ी को स्टार बनाकर उसके नाम पर कमाई करने का. बाजार को ऐसे एक्जाटिक खिलाड़ी भाते हैं.
वरना क्या कारण है कि इशांत शर्मा, इरफ़ान खान जैसे खिलाडियों को ठीक ठाक खेलने के बावजूद कोई खरीदार नहीं मिलता और एक औसत प्रतिभा का खिलाड़ी तीन करोड़ ले जाता है.
(साहित्यकार प्रभात रंजन के एफबी वॉल से साभार)