हमाम में सब नंगे हैं.क्या न्यूज़24 और क्या इंडियन एक्सप्रेस?जयललिता के मौत के तमाशे में सबने भागीदारी की तो इंडियन एक्सप्रेस कैसे पीछे रह सकता है. सो उसने भी पत्रकारिता के मानकों को किनारे रख जयललिता के निधन की खबर घंटो पहले चला दी और कई लोगों ने उसपर यकीन कर उसे रीट्वीट भी कर दिया.
प्रभात खबर के पत्रकार पुष्य मित्र इंडियन एक्सप्रेस के इसी खबर का हवाला देते हुए लिखते हैं – “अभी-अभी अपोलो की तरफ से ट्वीट किया गया है कि डॉक्टरों की कोशिशें जारी हैं. हम सबने इंडियन एक्सप्रेस के ट्वीट के बाद जयललिता के निधन की खबर चलायी थी. मगर इंडियन एक्सप्रेस ने उस ट्वीट को हटा लिया है. इसलिए मैंने भी अपने स्टेटस को फिलहाल हटा लिया है…”
इसी मुद्दे पर पत्रकार दीपिका लाल लिखती हैं – “किसी की मौत की खबर ब्रेक कर देना और उसे फटाफट फेसबुक पोस्ट पर ढकेल देना, क्या सच में मानसिक दिवालियेपन की निशानी नहीं है!! किसी की मौत का इंतजार कितना सही है???अच्छी बात है खबर ब्रेक किजिए । लेकिन ज़िंदगी और मौत की खबर पर ऐसी जल्दबाज़ी बहुत अजीब है।”
वहीं बीबीसी के पूर्व पत्रकार मणिकांत ठाकुर एक पुराने किस्से का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि – “Manikant Thakur मुझे याद है, जसलोक अस्पताल में इलाज़ करा रहे लोकनायक जयप्रकाश नारायण के देहावसान से पहले ही उनके दिवंगत होने संबंधी कथित आधिकारिक सूचना पर लोकसभा में शोक-श्रद्धांजलि की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी. बाद में इस चूक पर भारी खेद व्यक्त किया गया.”