बार्क द्वारा जारी नयी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट में आजतक को पछाडकर इंडिया टीवी नंबर एक बन गया है. नंबर एक बनने पर इंडिया टीवी के द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है. इस विज्ञापन में इंडिया टीवी हाथ में ध्वज लिए घोड़े पर सवार होकर सबसे आगे दिखता है. इसी विज्ञापन पर मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने कुछ सवाल उठाए हैं. (मॉडरेटर)
क्या ये रजत शर्मा की घोषणा है कि इंडिया टीवी सिर्फ हिन्दुओं का चैनल है ?
बार्क ने टेलीविजन की जो रेटिंग प्वाइंट जारी की है, उसके बाद इंडिया टीवी की ये कलाकृति है.इसमें दिखाया गया है कि बाकी के चैनल सिर्फ घोड़े हैं, उन्हें हांकनेवाला कोई नहीं है जबकि इंडिया टीवी के घोड़े पर बाकायदा एक अश्वारोही है. उसके हाथ में अंखड भारत-हिन्दू राष्ट्र के आसपास का वो ध्वज है जो कि आरएसएस की शाखाओं में सुबह-शाम लगाकर ध्वज प्रणाम किया जाता है.
ये अश्वारोही कौन है ? महाराणा प्रताप या फिर स्वयं रजत शर्मा. अगर महाराणा प्रताप हैं तो फिर एक प्रोफेशनल चैनल का इन्हें शामिल करने के पीछे दर्शकों के बीच कौन से कल्चरल कोड प्रसारित करने की मंशा रही है और अगर रजत शर्मा हैं तो सोचिए स्थिति कितनी खतरनाक है. मौजूदा सरकार न केवल बहुमत की सरकार है बल्कि कभी-कभी संविधान की आत्मा तक को हिला देनेवाली हिन्दूवादी और एक हद तक कट्टरपंथियों की सरकार है. ये टुकड़ों-टुकड़ों में जब तब साबित होता है जबकि इस चैनल ने तो सरकार की घोषणा के पहले ही घोषित कर दिया कि वो सीधे-सीधे हिन्दूवादी चैनल है. इतना साहस तो सुदर्शन चैनल भी नहीं दिखा पाता. सत्ता, राजनीति और व्यवसाय हिन्दू भावना और उसकी आस्था का आड़ी-तिरछी इस्तेमाल करते हैं तो बात समझ आती है लेकिन एक चैनल.. ?
टैम की टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स के बाद अब बार्क की जो रेटिंग प्रणाली आई है और जिसे टैम के मुकाबले ज्यादा पारदर्शी बताया जा रहा है, क्या ये सुविधा मुहैया करा रही है कि वो दर्शकों की बाकी स्थितियों के साथ-साथ ये भी पता लगा ले कि उसे देखनेवाले दर्शक हिन्दू है,मुसलमान,सिक्ख,इसाई या दूसरे धर्म या पंथ के. इंडिया टीवी के दर्शकों ने जब इस चैनल पर भरोसा करके देखना शुरु किया होगा तो शायद ही कभी सोचा होगा कि रेटिंग पर बढ़त मिलने के बाद ये चैनल खुद को इस शक्ल में पेश करेगा. जिस दर्शक ने उसे इस स्थिति तक पहुंचाया, उसी की भावना को इस तरह से आहत करेगा.
वैसे तो टैम और बार्क जो भी टेलीविजन के रेटिंग प्वाइंट्स जारी करती है, उसे लगभग हरेक चैनल अपने तरीके से, अपने पक्ष में इस्तेमाल करते हैं और अगर आप उनके इस्तेमाल किए जाने के पैटर्न पर गौर करें तो किसी न किसी हिसाब से सारे चैनल नं. वन जान पड़ेंगे लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि इंडिया टीवी ने बाकी चैनलों को विना किसी अश्वारोही के और खुद को हिन्दू ध्वज के साथ अश्वारोही सहित पेश किया है.( हालांकि चैनल का इस बात के लिए शुक्रिया भी अदा करनी चाहिए कि उसकी निगाह में बाकी के चैनल सेक्युलर हैं) चैनल कंटेंट के स्तर पर क्या खेल करता है, इसकी बात छोड़ भी दें तो वो किस माइंडसेट से काम करता है, सोचता है..इससे काफी कुछ समझ आ जाता है और हम और आप तब भी इन्हीं चैनलों को लोकतंत्र का चौथा खंभा मानने की जिद किए बैठे हैं..जो कि खुद फ्रैक्चर्ड है, खंडित है, हिन्दुस्तान की भूल भावना के खिलाफ है.
विनीत कुमार (सेकुलर हिंदू या फिर जय्चन्द की नाजायज़ औलाद) तू इस सरकार को हिंदू कट्टरपंथी की सरकार कहता है “मौजूदा सरकार न केवल बहुमत की सरकार है बल्कि कभी-कभी संविधान की आत्मा तक को हिला देनेवाली हिन्दूवादी और एक हद तक कट्टरपंथियों की सरकार है. ये टुकड़ों-टुकड़ों में जब तब साबित होता है” स्रोत मीडिया खबर १७ जुलाई २०१५, – सुन बे अगर हिंदू कट्टरपंथी होता तो इतना कहने पर तेरी ज़ुबान खींच ली जाती, जैसे चार्ली हेबदॉ पर हुआ था, जैसे तसलीमा नसरीन के साथ हुआ, जैसे एम एफ हुसेन के साथ हुआ और आजतक जीतने भी आतंकवादी संगठन हुए सब के सब गैर हिंदू हुए तू एक हिंदू नही बता सकता जो आतंकवादी हो या आतंकवादी संगठन से जुड़ा हो तुम लोग वही जिनके पूर्वजों ने हमेशा देश के साथ गद्दारी की थी तुम लोग देश को बर्बाद कर दोगे तुम लोगो को लादेन, ब़ग़दाडी, लस्कर, तालेबान लेग भले लगते हैं और भगवा लोग कट्टरपंथी, तुम लोगों तू दूनाई का कोई एक देश बता दे जो गैर हिंदू के लिए भारत से जयदा सुरक्चित है तुम लोग कश्मीरी पंडितों पर आँखे बंद कर लेते हो तुम लोगो को बोलने का कोई अधिकार नही है क्या तू पाकिस्तानी हिंदुओं पर बोल सकता है भदवे
विनीत कुमार इंडिया टीवी की सफलता पचा नही पा रहे हैं