गठबंधन टूटने के बाद पिछले कुछ समय से भारतीय न्यूज़ इंडस्ट्री से स्टार न्यूज गायब है. वह नहीं है फिर भी है. आप सोंच रहे होंगे कि भला ये क्या बात हुई. नहीं है फिर भी है ! ये तो चैनलों की भाषा हो गयी जहाँ रहस्य पैदा करने के लिए ऐसे शब्दों और वाक्यों का प्रयोग किया जाता है. लेकिन ऐसा करने का हमारा कोई इरादा नहीं. आप भी पूरी बात जानेगे तो कुछ ऐसा ही सोंचेंगे.
दरअसल गठबंधन टूटने के बाद स्टार न्यूज भारतीय स्क्रीन से गायब हो गया और एक नए चैनल एबीपी न्यूज़ का उदय हुआ. एबीपी न्यूज़ ने धुआंधार प्रचार किया और ये दावा किया कि कुछ नहीं बदला है, सिर्फ नाम बदला. एबीपी न्यूज़ अब स्टार न्यूज़.
वाकई में ऐसा ही था. एबीपी न्यूज़ स्टार न्यूज़ ही था. स्टार के ‘लोगो’ की जगह बस एबीपी न्यूज़ का ‘लोगो’ लग गया था और लोगो भी ऐसा जो स्टार के लोगो का ही एक अंश लगता है. सो स्टार न्यूज़ के न होने पर भी दर्शकों को एहसास नहीं हुआ और स्टार न्यूज़ न होते हुए भी मौजूद रहा. ये बात और है कि वक्त गुजरने के साथ दर्शक एबीपी न्यूज़ ही याद रखेंगे और स्टार की वापसी न होने पर उसे भुला देंगे.
ख़ैर स्टार न्यूज़ आए या ना आए, लेकिन इंडिया न्यूज़ के रूप में अब उसका एक और क्लोन जरूर आ गया ही. वही इंडिया न्यूज़ जिसकी पहचान चैनल से ज्यादा जेसिका लाल के हत्यारे चैनल के परिवार का चैनल के रूप में अबतक रही है. वही इंडिया न्यूज़ जहाँ अब तक कोई बड़ा पत्रकार फटकता नहीं था लेकिन मशहूर टेलीविजन पत्रकार दीपक चौरसिया के कदम रखते ही स्थिति बदल गयी और राणा यशवंत भी महुआ से वहां पहुँच गए. पुण्य प्रसून के कदम भी पड़ ही गए थे वो तो आजतक ने अचानक उनको अपनी ओर खिंच लिया, सो बाबा चूक गए.
दीपक जाते ही चैनल की रूपरेखा बदलने में जुट गए और रूपरेखा बदल दी गयी. लेकिन जो रूपरेखा उभर कर सामने आयी, उसमें भी स्टार न्यूज़ की झलक साफ़ – साफ़ देखी जा सकती है. चैनल के लोगो में स्टार न्यूज़ की तरह ही ब्लू रंग का प्रयोग किया गया. ब्लू के अलावा ठीक उसी तरह के लाल रंग का भी इस्तेमाल किया गया है जैसे स्टार न्यूज़ में होता था. फॉण्ट भी कुछ वैसा ही है.
यानी इंडिया न्यूज़ का लोगो हटाकर यदि स्टार न्यूज़ का लोगो लगा दिया जाए तो पुराना स्टार ही सामने नज़र आएगा. अब ऐसा दो वजह से किया गया है. पहला कि कुछ और नहीं सूझा तो आसान रास्ते को अपनाते हुए कॉपी कर ली गयी.
दूसरा कि ऐसा जानबूझकर शायद किया गया हो कि टाईअप होने की स्थिति में आसानी हो. न्यूज़ इंडस्ट्री में ये गॉसिप लगातार हो रही है कि इंडिया न्यूज़ और स्टार न्यूज़ में टाईअप हो गया है. बहरहाल अबतक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सो ये टाईअप जब होगा तब होगा. लेकिन फिलहाल तो ऐसा ही लगता है कि इंडिया न्यूज़ में घुस गया है स्टार न्यूज़ का भूत. क्या दीपक जी कुछ गलत तो नहीं कह रहे हम. श श श ………
…आसान रास्ते के लिए कॉपी और टाईअप होने के लिए भविष्य की सहूलियत के अलावा तीसरी वजह भी हो सकती है..
कहीं ऐसा तो नहीं कि abp के पुराने पत्रकारों का इस्तेमाल अब कॉर्पोरेट-अंडरवर्ल्ड वार के बतर्ज प्रतिद्वंदी को पस्त करने के लिए किया जा रहा है..इसमें कोई शक नहीं है कि स्टार ग्रुप और इंडिया न्यूज के बीच कोई समझौता नहीं होने जा रहा है…abp से करार के मुताबिक स्टार ग्रुप डे़ढ़ साल तक स्टार नाम से कोई चैनल नहीं ला सकता था..ये वक्त अब नजदीक आ रहा है, लिहाजा abp के मजबूत आकार ले रहे ब्रांड को तोड़ने के लिए उसका क्लोन ले आया गया है, ताकि जब असली स्टार आए तो उसे अपने पुराने साथी के साथ रहे अतीत-इतिहास और एक जैसी ब्रांडिंग का नुकसान न उठाना पड़े…जहां तक इंडिया न्यूज में बड़े नामों की बात है तो वो मीडिया-बंजारे हैं, जहां पर दो रोटी ज्यादा मिल जाती है…तंबू गाड़ देते हैं…लेकिन असली दबंग तो उदय शंकर हैं….कमाल करते हैं उदय शंकर जी!!!!
नीरज 0 Hours Ago
(0) Vote
REPORT
इंडिया न्यूज़ को कोई मजबूती नहीं मिलने जा रही है ! आज पूरी मीडिया इंडस्ट्रीज में कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो अकेले दम पर किसी फ्लॉप चैनल को हिट करा दे ! दीपक चौरसिया से लेकर राणा यशवंत तक, ये सब पैसे पर बिकने वाले चेहरे हैं , जो बड़ा बैनर खोज कर मोटी रकम लेकर अन्दर घुस जाते है ! गर इनमें इतना ही दम है तो किसी अनजान छोटे से चैनल को अपने दम पर पहचान दिला कर देखें , अपनी काबिलियत इन्हें मालूम चल जायेगी ! इंडिया न्यूज़ के पास पैसों की कमी नहीं है, लिहाजा ये पैसे का कमाल है , ना कि गुणवत्ता का ! कितना भी पैसा झोंक ले या बडबोले पत्रकारों का जमावड़ा इकट्ठा कर ले, इंडिया न्यूज़ कोई नंबर वन नहीं बनने जा रहा, ये बात लिख लें !