राजीव रंजन
भारतीय शास्त्रीय संगीत की महान परंपरा के महान वाहक बनारस के पंडित छन्नूलाल मिश्रा की ‘दिगंबर की होरी’ जटा-जुटधारी भगवान शिव की अद्भुत होली का बखान करती है। औघड़ दानी शंकर की होली भी उन्हीं की तरह संसार से अलग है। यहां विषधर सर्प भी हैं, चिता का भस्म भी है, भूत-पिशाच भी हैं, जिसे देख कर ब्रज की गोपियां अभिभूत हैं। होली की हार्दिक शुभकामनाएं. आप भी देखिए .