क्या दिलचस्प जानकारी है पत्रकार महोदय की! महीने की एक-एक तिथि और एक-एक वार का मिलना
लीना
आज के हिन्दुस्तान, पटना दैनिक अखबार में एक बड़ी ही ज्ञानवर्द्धक खबर छपी है! 1947 का कैलेंडर दुहरा रहा … 2014 का अगस्त… । खबर बाइलाइन है। चंदन द्विवेदी जी बताते हैं- अगस्त 2014 अजीब संयोग लेकर आया है.. इससे 15 अगस्त 1947 की यादें ताजा हो जाएंगी। प्रथम स्वतंत्रता दिवस शुक्रवार को था, जो 67 साल बाद इस 15 अगस्त को शुक्रवार होगा। क्या कमाल की सूचना! लेकिन इससे पहले 2008, 2003, 1997…. में भी 15 अगस्त शुक्रवार को ही पड़े थे। उसका क्या ? यही नहीं 1947 से 2014 के बीच और भी ऐसा मौका आ चुका है। क्योंकि यह तय है कि हर 5-6 साल में कैलेंडर खुद को दोहराता है। इस बीच के एक या दो लीप इयर पड़ने के हिसाब से। हां, कभी कभी लीप इयर के कारण साल का हर महीना एक सा नहीं होता। यानी दो साल के जनवरी-जनवरी समान हैं तो मार्च-मार्च भी एक सा ही जरूरी नहीं कि होगा।
बहरहाल, द्विवेदी जी ने इससे आगे और भी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि वर्ष 1947 के कैलेंडर से इस साल अगस्त महीने की एक-एक तिथि एक-एक दिन मिल रहे हैं ! उस महीने के एक एक दिन के मिलने को अखबार ने दिलचस्प गणना बताया है। उदाहरण सहित ! 1 अगस्त 1947 के दिन भी शुक्रवार था और इस साल भी 1 अगस्त शुक्रवार ही था। गोया इसे कोई और ‘‘वार’’ होना चाहिए था!
कोई इस चंदन द्विवेदी और हिन्दुस्तान अखबार को यह बताए कि अगर किसी दो साल का 15 अगस्त एक ही वार पड़ रहा है तो 1 अगस्त भी एक ही वार पड़ेगा उस साल, और 14 या 16 …. अगस्त भी।
दो साल के 15-15 अगस्त शुक्रवार-शुक्रवार पड़ेंगे तो क्या उन दो सालों का 14 अगस्त भी गुरूवार-गुरूवार ही होंगे या कोई और वार ?
अखबार में यह भी जानकारी दी गई है कि इस बार भी अगस्त में शुक्रवार, शनिवार और रविवार 5 पड़ेंगे।
तो चंदन साहब और हिन्दुस्तान अखबार, ऐसा हर उस साल हो चुका है और होता रहेगा, जब भी अगस्त माह का कैलेंडर इस साल सा होगा। मसलन 2008, 2003, 1997….. उससे आगे 2025 …. में । क्योंकि हमेशा ही अगस्त में कम या ज्यादा नहीं, 31 दिन ही होते हैं!