प्रो.जगदीश्वर चतुर्वेदी
हेडलाइन टुडे टीवी चैनल का कहना है कि केजरीवाल का धरना खत्म कराने के लिए योगेन्द्र यादव की पर्दे के पीछे की राजनीति काम आई। केजरीवाल के लिए सबसे अपमानजनक क्षण यह था कि वे कल से धरना दे रहे थे लेकिन न तो पीएम ने बुलाया न गृहमंत्री ने बात करने के लिए बुलाया। इस तरह की सख्ती पहले कभी कांग्रेस ने नहीं दिखायी थी।
कांग्रेस की सख्ती देखकर योगेन्द्र यादव दिल्ली के उपराज्यपाल के पास दौड़े गए और उनसे अनुरोध किया कि वे कुछ मदद करें जिससे केजरीवाल को सम्मानजनक ढ़ंग से धरने से उठाया जा सके।
उप राज्यपाल ने साफ कर दिया कि उनकी किसी केन्द्रीय नेता से धरने पर बात नहीं हुई है अतःवे कोई मदद नहीं कर सकते। अंत में काफी कहने-सुनने के बाद उपराज्यपाल ने कहा केजरीवाल जिद्दी है वह नहीं मानता, अतःपहले यह सुनिश्चित करो कि यहां पर जो तय होगा उसे वह मानेगा।
यादव ने भरोसा दिया और इसके बाद संबंधित 3पुलिसवालों को जांच होने तक छुट्टी पर जाने देने पर राज्यपाल राजी हो गए।बाद में केजरीवाल ने जो कुछ कहा उसे सब जानते हैं । यानी केजरीवाल की नाक बचाने के लिए उप राज्यपाल से अपील जारी करायी गयी। यह केजरीवाल की महान पराक्रमी इमेज में आया परिवर्तन है। पहलीबार वे धरने से बिना जिद किए उठे हैं ।
(स्रोत-एफबी)
3 mahine ke andar hi Kejriwal ki hasiyat ka pata chal gaya ke unki hasiyat aam janta aur sarkar mein kya hai, janta bhi to unke saath itni zyada nahin thi jitni election se pehle hoti thi