अभय सिंह-
पांच राज्यो के चुनाव में कई बड़ी ओपिनियन पोल एजेंसियों,पत्रकारों, की साख पर बट्टा लगा।उनकी विश्वसनीयता आज सवालों के घेरे में है। 9 मार्च को इंडिया टीवी पर प्रसारित सी- वोटर के यशवंत देशमुख का पूरा ओपिनियन पोल पूरी तरह फर्जी एवं मनगढ़त साबित हुआ ।यशवंत के पुराने ट्वीट को ध्यान से पढ़े तो समझ में आ जायेगा की सर्वे एजेंसिया पैसे बचाने के लिए मनगढंत,झूठे,फर्जी सर्वे करती है।अपनी व्यक्तिगत राय को जनता की राय पर थोपती है।
CSDS के संजय कुमार पर भी बिहार चुनाव से अब तक कई सवाल उठे है। 11 मार्च को 5 राज्यों के परिणाम के दिन सुबह ही एंकर रजत शर्मा ने रुझानों को देखकर खुद यशवंत देशमुख के सी वोटर ओपिनियन पोल पर सवाल खड़ा किया ,जिसका जवाब यशवंत देशमुख को देते नहीं बन रहा था।शर्म से उनकी आँखे झुकी ही थी तभी उन्होंने स्क्रीन पर सीटों के टैली पढ़ने में भी गलती कर दी तो स्टूडियो में बैठे मेहमान ने उनको लताड़ लगाई।
ठीक ऐसा ही माहौल परिणाम के दिन एबीपी न्यूज़ रूम में बैठे पत्रकार जो कुछ दिन पहले यूपी में गठबंधन की जीत ,बीजेपी को केवल 60 सीट देने वाले अशोक वानखेड़े, पत्रकार रशीद किदवई, और रिफत जावेद मुँह छिपाते फिर रहे थे।पत्रकार कंचन गुप्ता और एंकर अनुराग मुस्कान के सवालों पर इन तीनो पत्रकारों की जबान लड़खड़ाने लगी।
कुछ ऐसा ही हाल आजतक के एंकर राहुल कँवल पत्रकार प्रमोद अग्निहोत्री,विनोद शर्मा का हुआ जो गठबंधन की हार पर टीवी स्टूडियो में मायूस दिखे।आज पेड न्यूज़,फर्जी एग्जिट पोल ,ओपिनियन मेकर्स की पोल खुल चुकी है।इनकी विश्वशनीयता जनता के सामने खत्म हो चुकी है।
(लेखक राजनीतिक विश्लेषक हैं)