दूरदर्शन की पत्रिका ‘दृश्यांतर’ नए साल में प्रवेश करने के पहले ही दम तोड़ गयी. या यूं कहे कि सरकारी बाबुओं ने उसका दम घोंट दिया.पिछले साल ही शुरू हुई पत्रिका अगले साल में कदम तक नहीं रख पायी तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है.कम समय में ही संपादक अजीत राय की मेहनत से पत्रिका अच्छी बन पड़ी थी और उसके पाठकों की संख्या निरंतर बढ़ रही थी. लेकिन सरकार के एक फैसले से एक अच्छी पत्रिका ने समय से पहले ही दम तोड़ दिया. दृश्यांतर के संपादक अजीत राय ने सूचना देते हुए एफबी पर लिखा –
It’s been a great year! Thanks for being a part of it. The last day of 2014 I sadly declare with heavy heart in spite of our all honest efforts we could not save our magazine DRISHYANTAR. Doordarshan decided to close & did it
Death of a magazine is death of many options. AJIT RAI