अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के संदिग्ध अपहर्ताओं और हत्यारों को रिहा करने के पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के फैसले ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने सिंध हाईकोर्ट के ब्रिटिश नागरिक अहमद उमर सईद शेख और तीन अन्य लोगों को नौ महीने की हिरासत से रिहा करने के आदेश पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, जिन्हें 2002 में पत्रकार का अपहरण और नृशंस हत्या होने के मामले में बरी किए के बाद भी हिरासत में रखा गया था।
विभाग ने एक ट्वीट में कहा, “डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार कई आतंकवादियों को छोड़ने के सिंध हाईकोर्ट के 24 दिसंबर के फैसले की खबर से हम बेहद चिंतित हैं।”
ट्वीट में आगे कहा गया, “हमें भरोसा दिया गया है कि आरोपियों को फिलहाल नहीं छोड़ा गया है।”
विभाग ने दोहराया कि यह मामले पर करीबी नजर बनाए हुए है और कहा कि पर्ल के परिवार के साथ खड़ा है।
सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) आदेश के विवरण के अनुसार, कोई भी बंदी अदालत की अनुमति के बिना किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा संघीय या प्रांतीय सरकारों द्वारा हिरासत में नहीं रखा जाएगा।
हालांकि, अदालत ने बंदियों के नामों को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डालने का आदेश दिया है ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके जब तक कि उनके बरी होने के खिलाफ राज्य की अपील को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय नहीं कर दिया जाता।
अदालत के फैसले को आने वाले दिनों में संघीय या प्रांतीय सरकार द्वारा चुनौती दिए जाने की संभावना है क्योंकि इससे देश की न्यायिक प्रक्रिया पर उंगलियां उठने लगी हैं। (एजेंसी)