अज्ञात कुमार
दैनिक जागरण में काम करने वाले पत्रकारों की फिर शामत आने वाली है। संस्थान में सालों से चिपके लोगों को किनारे करने के लिए योजना तैयार हो रही है। फरीदाबाद यूनिट में पिछले दस साल से ज्यादा समय से काम कर रहे विवादित रिर्पोटर सुधीर बैंसला का तबादला सोनीपत कर दिया गया है। सुधीर पर कई सालों से दर्जनों आरोप लगते आ रहे थे कि वह टेबिल रिर्पोंटिंग करते थे, कभी भी फील्ड में नहीं जाते थे। साथी पत्रकारों से हमेशा लड़ते-झगड़ते रहते थे। एचआर विभाग के सूत्रों की माने तो उनको संस्थान से बाहर करने का पूरा इंतजाम कर लिया है।सुधीर बैंसला जागरण में रहकर इंडियन लोकदल पार्टी फरीदाबाद का प्रचार मंत्री भी है। इसके अलावा दिल्ली में कार्यरत वरिष्ठ संवाददाता राजू सजवान का दिल्ली से फरीदाबाद तबादला कर दिया गया है। हांलाकि उन्होंने साल भर पहले ही संस्थान ज्वाइंन किया था। वैसे एचआर ने एक लिस्ट तैयार की है जिनमें सैकड़ों कर्मचारियों के नाम है जो संस्थान में काफी समय से काम कर रहे हैं। वह खुद को जागरण का पत्रकार नहीं किसी मंत्रालय का पीए समझते हैं। घमंडी लोगों का घमंड टूूटने वाला है।
इस वक्त जागरण के रिर्पोंटरों को एक दिन में आठ स्टोरी करने का फरमान जारी किया गया है। जिनमे शायद ही कोई खरा उतर सके। मतलब साफ है कि नहीं करने पर बाहर का रास्ता। मालूम हो कि जागरण में काम करने वाले पुराने किसी भी पत्रकारों के पास डिग्री या डिप्लोमा नहीं है। सभी धक्कापेल गाड़ी चला रहे हैं। अगर इनको बाहर करने के बाद नए पीढ़ी के पत्रकारों को मौका मिलता है, तो उचित कदम होगा। क्योंकि नए बच्चों से कितना भी काम करालों वे करने के लिए राजी रहते हैं। पुराने लोग मुंह बनाते हैं। फिर विश्वविद्यालयों से निकलने वाले पत्रकारों के पास आधुनिक सोच-समझ होती है।
जागरण में दलाली करने वाले पत्रकारों पर संपादक विष्णु त्रिपाठी की सीधी नजर है। सीधे कार्रवाई करते हैं। आने वाले कुछ महिनों में सैकड़ों पत्रकारों को जागरण से बाहर करने का काम जोरो पर चल रहा है।
(एक पत्रकार के द्वारा बेजा गया पत्र)