आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने सहारा इंडिया द्वारा सहारा क्यू शॉप तथा सहारा क्रेडिट सोसाइटी के माध्यम से किये जा रहे पूँजी निवेश की जांच की मांग की है.
भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) तथा कोरपोरेट मालों के मंत्रालय को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि सहारा इंडिया द्वारा सहारा क्यू शॉप के साथ सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी नामक संस्था के जरिये नियमविरुद्ध तरीके से पूँजी निवेश कराये जाने की गंभीर शिकायतें बतायी जा रही हैं, जिसके तहत सहारा ई शाइन, सहारा ए सेलेक्ट, सहारा माइनर, सहारा एम बेनिफिट जैसे अनेक स्कीम बाजार में हैं.
शिकायत के अनुसार यह सोसाइटी कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के यहाँ पंजीकृत है और देश के क़ानून के विपरीत पूँजी निवेश करा रही है. पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड तथा सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के मामलों में यह स्पष्ट कर दिया है कि इस प्रकार जमा किया गया धन प्रतिभूति अनुबंध (नियमन) अधिनियम 1956 की धारा 2(एच) में परिभाषित “प्रतिभूति” के अंतर्गत माना जाएगा और ये पैसा निवेश कराते समय सहारा ने कंपनी अधिनियम की धारा 56, 73, 117ए, 117बी तथा 117सी का उल्लंघन करने के साथ सेबी (डीप) गाइडलाइंस 2000 तथा सेबी (इशू ऑफ़ कैपिटल एंड डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशन 2009 के प्रावधानों के विपरीत काम किया.
श्री अमिताभ तथा डॉ नूतन के अनुसार उसी प्रकार की सम्भावना सहारा क्यू शॉप और क्रेदिर सोसाइटी के मामलों में भी है, जिसके बारे में उन्होंने 02 जनवरी को शिकायतें भेजी थीं पर अभी तक उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है और यदि शिकायतों पर समय रहते कार्यवाही नहीं हुई तो तमाम असहाय निवेशकों के साथ भारी अन्याय होने की सम्भावना रहेगी.