सूर्योदय से पहले ही अस्त हो गया भास्कर न्यूज – भास्कर न्यूज़ में ताला मगर कश्मीर में ऑफिस चालू आहे : टेलीविजन न्यूज़ इंडस्ट्री में नए चैनलों का आना और बंद हो जाना आम बात हो गयी है. पिछले छह महीने में ही तकरीबन छह चैनल बंद हो चुके हैं.चैनलों का हाल परचून की दूकान की तरह हो गया है जिसके खुलने और बंद होने में जरा भी वक्त नहीं लगता. इसी की ताजा मिसाल भास्कर न्यूज़ है जो उदय होने के पहले ही अस्त हो गया. कुछ दिनों से चैनल में कोई काम नहीं हो रहा और नोयडा स्थित मुख्यालय में ताला पड़ा है. पत्रकारों ने लेबर कोर्ट में शिकायत कर दी है और चैनल की मालकिन हेमलता अग्रवाल को लेबर कोर्ट से फटकार भी पड़ चुकी है कि पत्रकारों की सैलरी दे दो, नहीं तो कुर्की – जप्ती कर दी जाएगी. इधर ये सब चल रहा है और उधर कश्मीर का ब्यूरो इन सब से बेपरवाह चैनल आईडी उचकाने में लगा हुआ है. मीडिया खबर डॉट कॉम को CrimesWarrior के सौजन्य से एक ऐसा वीडियो मिला है जिसमें भास्कर न्यूज़ का कश्मीर का स्ट्रिंगर बाईट लेने के लिए मारामारी किए हुए है.बाईट लेने के लिए यह रिपोर्टर इस कदर तड़प रहा है कि बार-बार चैनल आईडी वाली माइक को उचका रहा है.लेकिन सवाल उठता है कि इस बाईट का होगा क्या? चैनल तो बंद हो चुका है. फिर ये रिपोर्टर यूँ मरा क्यों जा रहा है?
‘क्राइम्स वॉरियर’ के संपादक संजीव चौहान लिखते हैं – “वीडियो 17 दिसंबर 2014 को श्रीनगर (कश्मीर) में शूट किया गया है। वीडियो में अलगाववादी नेता मीरवाइज 16 दिसंबर 29014 को पेशावर (पाकिस्तान) में आर्मी पब्लिक स्कूल में तालिबान की कायराना हरकत पर रोष व्यक्त कर रहे हैं। इसी समय आप वीडियो में देखें कि सबसे ज्यादा जिस चैनल की आईडी उछल-उछल कर चमक रही है, वो है भास्कर न्यूज चैनल। यह वही भास्कर न्यूज चैनल है, जिसमें काफी समय पहले ताले पड़ चुके हैं। चैनल के बेरोजगार हुए कर्मचारी वेतन और हक की लड़ाई के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। चैनल की मालकिन हेमलता अग्रवाल खुद को गरीब बताती फिर रही हैं। बिचारी लेबर-कोर्ट के धक्के खाती फिर रही हैं। विचारणीय बिंदु यह है कि, जब चैनल में ताला लग गया। चैनल जन्म लेने से पहले ही जब जमींदोज हो गया। तो फिर ऐसे में कश्मीर में उसका स्ट्रिंगर/ रिपोर्टर या चैनल की माइक आईडी कैसे और क्यों और किस मंशा से मीरवाइज की बाइट लेने के लिए उछल-कूद मचा रही/ मचा रहा है। मतलब चैनल भले ही बंद हो गया हो. मगर उसके नाम पर उसकी आईडी दिखाकर देश में मीडिया के नाम की मठाधीशी कुछ ‘कमाऊ-पूत’ बदस्तूर जारी रखे हुए हैं। ”
वीडियो अनुपलब्ध