सूचना और प्रसारण प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि भारतेंदु हरिश्चन्द्र पुरस्कार की राशि में बढ़ोतरी की जाएगी और किशोरियों के सर्वांगीण विकास पर केन्द्रित मूल लेखन को बढ़ावा देने के लिए अगले वर्ष से एक विशेष श्रेणी के पुरस्कारों को शुरू किया जाएगा।
जावडेकर ने कल यहां वर्ष 2011 और 2012 के भारतेंदु हरिश्चन्द्र पुरस्कारों के वितरण के अवसर पर यह घोषणा भी की कि अब यह पुरस्कार कार्यक्रम प्रति वर्ष 9 सितम्बर को आयोजित किया जाएगा, क्योंकि यही तिथि प्रख्यात लेखक हरिश्चन्द की जयंती भी है। इस वर्ष से इन पुरस्कारों को पहली बार भारतेंदु हरिश्चन्द्र की जयंती पर शुरू किया गया है।
वर्ष 2011 के लिए दिए गए पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है –
पत्रकारिता एवं जन संचार श्रेणी में प्रथम पुरस्कार श्री विजय दत्त श्रीधर को उनकी पांडुलिपि ‘पहला संपादकीय’, द्वतीय पुरस्कार श्री हरिश्चन्द्र बर्नवाल को उनकी पुस्तक ‘टेलीविजन की भाषा’ और तीसरा पुरस्कार श्री संतोष कुमार निर्मल को उनकी पुस्तक ‘फिल्में और प्रचार तब से अब तक’ के लिए दिया गया।
महिलाओं से जुड़े मुद्दों की श्रेणी में सुश्री गीताश्री को उनकी पांडुलिपि ‘औरत की बोली’ और राष्ट्रीय एकीकरण का पुरस्कार डॉ. नवरत्न कपूर को उनकी पुस्तक ‘त्योहारों तथा मेलों की विचित्रताएं, जन संचार माध्यम और राष्ट्रीय एकता’ के लिए दिया गया है।
बाल साहित्य श्रेणी में प्रथम पुरस्कार सुश्री बानो सरताज को उनकी पुस्तक ‘पाक्या और परिछम’ तथा दूसरापुरस्कार श्री राजीव सक्सेना को उनकी पुस्तक ‘प्रोफेसर खुराना का क्लोन’ के लिए दिया गया है।
वर्ष 2012 के लिए दिए गए पुरस्कारों का विवरण इस प्रकार है –
पत्रकारिता एवं जन संचार श्रेणी में प्रथम पुरस्कार सुश्री विजय लक्ष्मी सिन्हा को उनकी पुस्तक ‘मैंने आवाज को देखा’, द्वतीय पुरस्कार श्री माधव हादा को उनकी पुस्तक ‘सीढि़या चढ़ता मीडिया’ और तीसरा पुरस्कार श्री सुरेश कुमार को ‘ऑन लाइन मीडिया’ के लिए दिया गया।
महिलाओं से जुड़े मुद्दों की श्रेणी में सुश्री उर्मिला कुमारी को उनकी पुस्तक ‘जार-जार तार-तार’ और दूसरा पुरस्कार डॉ. संजुला थानवी को उनकी पुस्तक ‘मानवाधिकार, पंचायती राज से सशक्त नारी’ के लिए दिया गया है।
बाल साहित्य श्रेणी में प्रथम पुरस्कार डॉ. मोहम्म अरसद खान को उनकी पुस्तक ‘मिकी माउस’ तथा दूसरा पुरस्कार सुश्री पवित्रा अग्रवाल को उनकी पुस्तक ‘फूलों से प्यार’ के लिए दिया गया है।