सरकारी योजनाओं की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को भ्रमित कर जालसाजी करने के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इसी को लेकर नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने सावधान किया है। दरअसल, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) योजना लागू किया गया है। जिसके तहत कृषि पंपों के सोलराइजेशन के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इस योजना को राज्य सरकार के विभागों द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है जिसमें किसानों को केवल बाकी का 40 प्रतिशत ही विभाग को जमा करवाना होता है। इन विभागों का विवरण मंत्रालय की वेबसाइट पर है।
मंत्रालय के मुताबिक, योजना की शुरुआत के बाद से ही पता चला कि कुछ वेबसाइटों ने पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा किया है। ऐसी वेबसाइटें आम जनता को धोखा दे रही हैं और फर्जी पंजीकरण पोर्टल के माध्यम से उनसे रुपये तथा जानकारी एकत्रित कर रही है।
आम जनता को किसी भी नुकसान से बचने के लिए, मंत्रालय ने पहले पिछले साल 18 मार्च को, उसके बाद इस साल तीन मार्च और फिर दस अक्टूबर को लाभार्थियों और आम जनता को ऐसी किसी भी वेबसाइटों पर पंजीकरण शुल्क नहीं जमा करने और अपनी जानकारी साझा करने से सतर्क रहने की सलाह दी थी।
मंत्रालय ने अब ऐसी वेबसाइटों की जानकारी मिलने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। हाल ही में देखा गया है कि कुछ नई वेबसाइटों ने अवैध रूप से पीएम-कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल का दावा किया है। मंत्रालय ने फिर से सभी संभावित लाभार्थियों और आम जनता को सलाह दी है कि इन वेबसाइटों पर रुपया या जानकारी जमा करने से बचें। (एजेंसी)