ख़बरों से दिक्कत होने पर अखबार और चैनल के दफ्तर पर हमला होना कोई नयी बात नहीं है, इसी कड़ी में कल लखनऊ से निकलने वाले अखबार 4PM के दफ्तर दो दर्जन लोगों ने हमला किया और मीडियाकर्मियों से मारपीट की, यह पूरा मामला सीसीटीवी में कैद हो गयी, इस अखबार के के संपादक संजय शर्मा हैं. उन्होंने पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए फेसबुक पर लिखा –
“कल मेरे दफ़्तर पर जो हुआ उसका सपने मे भी अंदाज़ा नही था मुझे ..गोमती नगर जैसे पॉश इलाके मे दिन के साढ़े तीन बजे दो गाड़ियों मे भरकर लोग अख़बार के दफ़्तर पर भी हमला कर सकते है इसका अंदाज़ा किसी को नही था . आम तौर पर जिस समय हमला हुआ उस समय दफ़्तर पर ही रहता हूँ पर कल सीएम को बोलना था तो मै विधानसभा मे था .
मगर सूचना मिलते ही जिस तरह पत्रकार साथी मेरे साथ आये उसने मेरे हौसलों को और बढ़ा दिया .. जैसे ही मैंने ग्रुप पर मैसेज डाला पंद्रह मिनट के अंदर दर्जनों पत्रकार साथी थाने पहुँच गये .. शलभमणि भाई दिल्ली थे वही से मुझे फ़ोन किया और अफसरो को भी .. यशवंत भाई रास्ते मे थे तो फ़ोन से ख़बर लिखकर भड़ास पर डाल दी .. ब्रजेश मिश्रा जी ने तुरंत ट्वीट किया और मुझे कई फ़ोन किये .. कमाल खान जी ने तुरंत अपनी टीम भेजी .ज्ञानेन्द्र शुक्ला भाई तो देर रात तक दफतर मे रहे .. इडिया बॉच चैनल से घर्मेन्द जी , मनीष जी की पूरी टीम .अभिषेक भाई , अशोक मिश्रा जी अपनी टीम के साथ रहे .. शरद प्रधान जी , प्रखर सिंह , समाचार प्लस के ब्यूरो चीफ आलोक पॉडे, हमारे अभिभावक समान अजय कुमार जी , नरेन्द्र जी , प्राशु मिश्रा , सुधीर मिश्रा , मनीष जी , ब्रजमोहन जी , विधि सिंह जी , आनंद सिन्हा जी , रामकुमार जी और तमाम साथियों ने मुझे फ़ोन किये और इसकी निंदा की ..कई चैनलों पर ख़बर शुरू हो गयी ..प्रमुख सचिव गृह के ग्रुप पर शायद ही कोई पत्रकार रहा होगा जिसने आलोचना ना लिखी हो ..लखनऊ के अलावा दिल्ली और महाराष्ट्र के पत्रकारों ने भी इसकी आलोचना की . ओम थानवी सर ने तुरंत ट्वीट किया .. इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम जी , ब्राड कास्ट एडिटर एसोसियेशन के सचिव एन के सिंह जी , लोकसभा टीवी के अनुराग जी , राज्यसभा टीवी की कृति मिश्रा समेत तमाम लोगों ने इसकी आलोचना की .. महाराष्ट्र मे तो पत्रकारों ने बैठक कर इसकी निंदा की .. सभी पार्टियों से फ़ोन आये .. क़ावीना मंत्री अनुपमा जायसवाल , ब्रजेश पाठक जी ने मुझे फ़ोन करके भरोसा दिया कि जल्दी ही हमलावर गिरफ़्तार होगे ..
साथियों का यह साथ हमको सच से लड़ने की ताक़त देता है . अगर चंद लोग सोचते है हम ऐसे हमलों से डर जायेंगे तो यह उनकी ग़लतफ़हमी है . हम और ताक़त के साथ ऐसे ही लिखेंगे .. साथ देने के लिये सभी का आभार .. किसी साथी का नाम लिखने से रह गया हो तो मॉफी ..”