पत्रकार आशुतोष कुमार सिंह की किताब का लोकार्पण

आशुतोष कुमार सिंह की पहली भोजपुरी किताब 'अँजुरी भर चाउर ' का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला के थीम पवेलियन में लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने किया

अँजुरी भर चाउर का पद्मश्री मालनी अवस्थी ने किया लोकार्पण,आशुतोष कुमार सिंह ने भोजपुरी में लिखी है किताब

नई दिल्ली आशुतोष कुमार सिंह की पहली भोजपुरी किताब ‘ अँजुरी भर चाउर ‘ का लोकार्पण विश्व पुस्तक मेला के थीम पवेलियन में लोकगायिका मालिनी अवस्थी ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह, उमेश चतुर्वेदी एवं मनोज सिंह भाउक ने किताब के विविध आयामो पर प्रकाश डाला। अपने अध्यक्षीय संबोधन में मालिनी अवस्थी ने कहा कि इस किताब के शीर्षक में ‘चाउर’ शब्द का प्रयोग है जो की शुभता का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कहा की चाउर का हमारे संस्कार एवं संस्कृति में अहम योगदान है। भोजपुरी सहित तमाम आंचलिक भाषाओं को हिंदी की मां की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि भोजपुरी को किसी एक सीमा में नहीं बाँधा जा सकता है। इसका विस्तार क्षेत्र बहुत लंबा है। भोजपुरी में दिए अपने उद्बोधन में उन्होंने लेखक आशुतोष कुमार सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि लेखक ने भोजपुरी समाज से जुड़े सभी पक्षो को अपने लेखों में प्रस्तुत करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा की समाज को लेखक जैसे और आशुतोष की आवश्यकता है। इस अवसर पर कवि एवं ग़ज़लकार मनोज भाउक ने कहा कि यह गद्य संग्रह 4 खंडों में है लेकिन भोजपुरी समाज कई खंड में विभक्त है। यह किताब भोजपुरी समाज की एका भाव को प्रमुखता से उठाने में सफल रही है।

अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि जनपदीय भाषाओ का विस्तार से ही हिंदी को खाद पानी मिलता है। वही उमेश चतुर्वेदी ने कहा की विश्व हिंदी दिवस के दिन दिल्ली में आयोजित विश्व पुस्तक मेला के थीम पवेलियन में भोजपुरी पर इतनी सारगर्भित चर्चा का होना भोजपुरी के लिए एक प्रस्थान बिंदु है। मंच संचालन भोजपुरी मैथिली अकादमी के सदस्य डॉ मुन्ना के पांडेय ने किया। इसके पूर्व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की निदेशक (मेला) नीरा जैन ने मालिनी अवस्थी एवं अन्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर किताब के प्रकाशक जलज कुमार ने मोमेंटो देकर वक्ताओं का स्वागत किया। स्वस्थ भारत की ओर से प्रियंका सिंह ने मालिनी अवस्थी को शॉल देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की ओर से पंकज चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। भोजपुरी में किताब न पढ़ने की बात अब झूठ है अक्सर यह कहा जाता है की भोजपुरी में लिखी किताबों कोई नहीं पधता है। लेकिन इस बात झूठ साबित कर दिया है आशुतोष कुमार सिंह की किताब अँजुरी भर चाउर ने।

विश्व पुस्तक मेला में लोकार्पित हुई किताब अँजुरी भर चाउर की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस किताब के बारे में बताते हुए लेखक आशुतोष कुमार सिंह ने बताया की उनकी दिली ख्वाहिस है की भोजपुरी में गद्य लिखा और पढ़ा जाए। यही कारण है की उन्होंने भोजपुरी गद्य का संकलन प्रकाशित कराया है। उन्होंने बताया की भोजपुरी में ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई गद्य संग्रह सचित्र प्रकाशित हो रहा हो। इस किताब के लिए रेखचित्र प्रसिद्ध कलाकार बंसीलाल परमार ने बनाया है। हर्फ़ प्रकाशन के निदेशक जलज कुमार ने बताया की हमारा प्रयास है की हम रीजनल भाषा की पुस्तकों को भी आगे बढ़ाने का काम करें। इसी कड़ी में अँजुरी भर चाउर का हम प्रकाशन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस किताब की खूब चर्चा हो रही है। संजू फ़िल्म फेम शेखर अस्तित्व, फ़िल्म इतिहासकार एवं गजलकार मनोज सिंह भाउक, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं मैथिली भोजपुरी अकादमी के सदस्य प्रो मुन्ना पांडेय, बॉलीवुड गायक टोची रैना, संगीतकार सरोज सुमन, बटला हाउस फेम अभिनेता अमरेंद्र शर्मा सहित दर्जनों सेलिब्रेटियों ने भी अपने वाल से इस पुस्तक को पढ़ने का आह्वान किया है।

लेखक आशुतोष कुमार सिंह मूल रूप से सीवान जिला के रजनपुरा गांव के रहने वाले हैं। उनकी पहचान एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में देश भर में रही है। दो बार उन्होंने भारत की यात्रा की है। हाल ही में उन्हें पॉजीटिविटी अवार्ड से दिल्ली में सम्मानित किया गया था। भोजपुरी ने एमए करने वाले आशुतोष कुमार सिंह भोजपुरी आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं।

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