नदीम एस.अख्तर
संदर्भ – टाइम्स नाउ और अर्णब को धौनी के प्रशंसकों ने किया क्लीन बोल्ड
सेमीफाइनल में हार के बाद टाइम्स नाउ पर अर्णब का शो – कल अर्नब ने अपने डिबेट में भारत की हार का जो विषय चुना, वह पूरी तरह हास्यास्पद था. पहली बार मैंने देखा कि अर्नब के पास बोलने के लिए कुछ नहीं था. वो गालथेथरी कर रहे थे और स्टूडियो में बैठे पैनालिस्ट, अरबाज खान व अतुल वासन, जमकर अर्नब का विरोध कर रहे थे. अर्नब कह रहे थे कि फलां बॉलर को पहले क्यों नहीं लाया, टीम के पास कोई स्ट्रैटेजी नहीं थी, यह शर्मनाक हार थी,..वगैरह-वगैरह.
लेकिन अर्नब क्या बताएंगे कि धोनी के पास कोई स्ट्रैटेजी थी या नहीं थी, ये उन्हें मुंबई के स्टूडियो मैं बैठकर कैसे पता?? और फील्ड में जब कप्तान कोई डिसीजन लेता है, किसी बैॉलर-फील्डर को लगाता है तो उस वक्त उसके दिमाग में एक स्ट्रैटेजी चल रही होती है, उसी के तहत ये सब होता है ना. तो अगर इसी स्ट्रैटेजी के तहत अगर कल टीम इंडिया जीत जाती तब तो अर्नब गोस्वामी और पूरा मीडिया धोनी की तारीफों के पुल बांध देते.
और जब हार गए तो पचास इल्जाम. कुल मिलाकर कहूं तो टाइम्स नाऊ के इतिहास में कल पहली बार मुझे अर्नब गोस्वामी और बहस के लिए उनके चुने गए विषय पर तरस आया. कई बार तो अर्नब बगलें झांकते भी नजर आए और एक बार तो वो अपनी बगल में बैठे बहस करते अरबाज खान का हाथ तक पकड़ने लगे.
कल तो अर्नब ने हद ही कर दी. ज्यादातर मौकों पर गंभीर विषय चुनने वाले अर्नब गोस्वामी को ये सब करते देख कल अच्छा नहीं लगा.
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