सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने आज प्रधानमंत्री से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 500 तथा 1000 रुपये के नोट को जमीन की रजिस्ट्री में 24 नवम्बर 2016 तक स्वीकार किये जाने के आदेश को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की. यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल इसकी घोषणा की थी.
प्रधानमत्री के साथ वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर को भेजे अपने ईमेल में डॉ ठाकुर ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 की धारा 26 के अनुसार केवल केंद्र सरकार को किसी करेंसी नोट को वैध या अवैध घोषित करने का अधिकार है. केंद्र सरकार ने 08 नवम्बर को ऐसी घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि करेंसी, सिक्के, लीगल टेंडर, रिजर्व बैंक आदि संविधान की सातवीं अनुसूची के केंद्रीय सूची में हैं जिनपर मात्र केंद्र सरकार को आदेश करने का संवैधानिक अधिकार है.
डॉ ठाकुर के अनुसार अखिलेश यादव का आदेश न सिर्फ विधिविरुद्ध है बल्कि असंवैधानिक तथा राष्ट्रविरोधी भी है क्योंकि केंद्र सरकार ने यह निर्णय आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के लिए भी लिया था.
(प्रेस विज्ञप्ति)