प्र.मोदी ने उत्तरप्रदेश चुनाव रैली के दौरान कब्रिस्तान-श्मशान का राग क्या छेड़ा,तूफ़ान खड़ा हो गया. इसी संदर्भ में देश का अग्रणी चैनल आजतक ने एक रिपोर्ट पेश की जिसमें चौकाने वाले आंकड़े सामने आए.रिपोर्ट में बताया गया है कि अखिलेश सरकार ने श्मशान की तुलना में कब्रिस्तान पर कितना ज्यादा खर्च किया.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में अखिलेश सरकार ने 87,000 कब्रिस्तान की बाउंड्रीवॉल बनाने की योजना शुरू की जिसके लिए 2012 से लेकर 2017 तक हर साल एक अलग फंड रखा गया.पिछले पांच साल में कब्रिस्तानों के लिए 1300 करोड़ रूपये रखे गए.दूसरी तरफ श्मशान के विकास के लिए तीन सालों में महज 627 करोड़ रूपये ही बजट में रखे गए. वर्ष 2012-13 में कब्रिस्तान के लिए 200 करोड़ का बजट रखा गया तो श्मशान के लिए कोई बजट नहीं रखा गया.
वर्ष 2013-14 में भी यही हाल रहा. कब्रिस्तान के लिए 300 करोड़ रूपये तो श्मशान के लिए कोई बजट नहीं.2014-15 में कब्रिस्तान के 200 रूपये दिए और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर इतनी ही रकम श्मशान के लिए भी दी गयी.वर्ष 2015-16 में भी यही अनुपात रहा.लेकिन 2016-17 में कब्रिस्तान के लिए 200 करोड़ से रकम बढाकर 400 करोड़ रूपये कर दिए गए.लेकिन श्मशान के लिए ये रकम 227 करोड़ ही दी गयी.