पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक तारिक फतह इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में इस हफ्ते आए और रजत शर्मा से गुफ्तगू की और पाकिस्तान को जमकर कोसा. परवेज मुशर्रफ से लेकर नवाज शरीफ तक किसी को नहीं छोड़ा. दरअसल इसी मकसद से उन्हें इंडिया टीवी के शो में बुलाया भी गया था क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जंगी माहौल में उनसे माकूल इंटरव्यू किसी और का नहीं हो सकता था. पाकिस्तान के अलावा उन्होंने इस्लाम पर भी काफी कुछ कहा. इसी सारे सवाल – जवाब पर वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने कुछ बुनियादी सवाल उठाये हैं. उनके सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि वे जिसपर सवाल उठा रहे हैं उसका इंटरव्यू खुद उनके ही चैनल पर चला.अजीत अंजुम इसके लिए बधाई के भी हकदार हैं नहीं तो ज्यादातर दूसरे संपादक सहमत न होने पर भी चुप्पी मार जाते हैं.बहरहाल उन्होंने तारिक फतह के इंटरव्यू पर जो कहा है, उसे पढ़े-
तारिक फ़तेह अगर मुसलमान न होते …पाकिस्तानी होकर पाक और पाकियों को गालियाँ न देते …मुसलमान होकर इस्लाम की बखिया न उधेड़ते …मुसलमान होकर मुस्लिम मुल्कों और उनके आकाओं पर इतने जुमले न उछालते … मुसलमान होकर हिन्दु और हिन्दुस्तान की ख़ूबियाँ न गिनाते.. मुसलमान होकर मुल्लाओं और मुस्लिम देशों और मुस्लिम बादशाहों को यूँ न कोसते ….और सबसे अंत में मुसलमान होकर मोदी को महान न बताते तो भारत में इतनी तालियाँ न बटोरते …अपनी तुकबंदी और जुमलों के बूते वो हिन्दु हृदय सम्राट बन रहे हैं …जो बातें तारिक फ़तेह कह रहे हैं , वहीं बातें कोई तारकेश्वर कह दे तो कौन सुनेगा …तारिक फतेह का कहने का अंदाज़ा जुदा है
..शब्दावली अलग है .टारगेट फ़िक्स है . चोट धारदार है . हिन्दुओं मे ग़ज़ब लोकप्रिय हो रहे हैं …लोग यही कहते हैं – क्या बोलता है यार …धोकर रख देता है ..भाई , तारिक फ़तेह जैसा बोलने वाला मुसलमान तो मैंने आजतक नहीं देखा …क्या बंदा है यार …और ये सच भी है कि आप उनसे सहमत हों या असहमत , उनको सुनेंगे तो सुनते रह जाएँगे … इसमें भी कोई शक नहीं कि मुसलमान होकर भी कट्टरपंथियों और आतंकपरस्त इस्लामी ताक़तों पर गहरी चोट करते हैं और किसी भी हद तक जाकर चोट करते हैं ..पाक आतंकियों का पनाहगाह है ये दुनिया जानती है लेकिन पाक की नापाक करतूतों पर जब तारिक अपने शब्दों /मुहावरों और जुमलों से वार करते हैं तो सुनने लायक होता है …भले ही आधी हक़ीक़त , आधा फसाना हो ..
एक मुसलमान होकर कट्टरपंथी मुसलमान /मुल्ला और आतंकपरस्त पाक पर बहुत मारक वार करने में उनका कोई जोड़ नहीं ..
फ़िलहाल मौक़े की नज़ाकत को समझकर तारिक वक़्त को फ़तह करने में जुटे हैं ….
मुसलमान उन्हें मुसलमान न मानते हुआ गालियाँ देते हैं और हिन्दु मुसलमान होकर भी उनके मन की बात कहने के लिए तालियाँ बजाते हैं …
आख़िर में ….
बड़ी आसानी से मशहूर हुआ मैं, अपने से बड़े शख्स को गाली देकर’
तारिक फ़तेह के लिए मुनव्वर राना का ये शेर …