रजत नहीं रहा, मगर हमारी यादों में हमेशा रहेगा. वरिष्ठ टीवी पत्रकार और मशहूर गजलकार आलोक श्रीवास्तव ने आजतक के रिपोर्टर और हर दिल अजीज रजत सिंह के असामयिक निधन पर ये बाते कहीं. आलोक श्रीवास्तव ने रजत को लेकर अपनी भावनाएं कुछ यूँ व्यक्त की –
प्रतिभाशाली के साथ-साथ विनम्र भी :
व्यक्ति में हुनर और क़ाबलियत के साथ यदि विनम्रता भी हो तो दुनिया में उसके चाहने वालों की कमी, कभी नहीं होती. रजत की सबसे बड़ी ख़ूबी यही थी. वो जितना प्रतिभाशाली था, उतना ही आत्मीय, मिलनसार और विनम्र था. ऐसे लोग दुनिया से जाने के बाद भी, हमारी ज़िंदगी से नहीं जा पाते
अपनी जानलेवा मुस्कुराहट के साथ बहुत याद आओगे रजत :
वो सज़ा देके दूर जा बैठा,
किससे पूछूँ मेरी ख़ता क्या है.
‘आजतक’ का एक पुराना साथी, दोस्त. एक ज़हीन नौजवान पत्रकार. शहद की तरह मीठा, प्यारा इंसान. हर दिल अज़ीज़ शख़्स. हम सबको अचानक छोड़ कर यूँ चला जाएगा, यक़ीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. ईश्वर उसकी आत्मा को शांति दे.
अपनी जानलेवा मुस्कुराहट के साथ बहुत याद आओगे रजत…
याद बस छोड़ गया, याद दिलाने वाला,
ऐसे जाता है कोई छोड़ के जाने वाला ?
तबस्सुम इत्र जैसा था, हँसी बरसात जैसी थी,
वो जब भी बात करता था, तो बातें भीग जाती थीं.
Miss You A Lot My Darling & Charming Friend…
जब भी चाहेगा छीन लेगा वो,
सब उसी का है, आपका क्या है ?
A Hero-Reporter…
एक ‘खिलखिलाती ज़िंदगी’ से आख़िर चेटिंग :
आलोक श्रीवास्तव ने उस आखिरी चैट को सार्वजनिक किया जो रजत सिंह के साथ उनकी हुई थी. चैट सार्वजनिक करते हुए वे लिखते हैं –
एक ‘खिलखिलाती ज़िंदगी’ से आख़िर चेटिंग…