बतकही : हिंदी सिनेमा का भारतीय जनमानस पर गहरा असर है. अभिनेताओं के हाव – भाव और उनका स्टाइल ही लेटेस्ट फैशन बन जाता है.
न्यूज़ चैनलों के प्रोड्यूसर भी इससे अछूते नहीं. कोई नयी फिल्म या गाना हिट होता नहीं कि उसकी कतरन काट – काट कर स्टोरी में चस्पा किया जाने लगता है.
उसी तरह के शीर्षक और उसी के तरह डायलॉग भी लिखे जाने लग जाते हैं और ऐसे तैयार हो जाती है, न्यूज़ चैनल की धाँसू स्टोरी जिसपर टीआरपी की झमाझम बारिश होती है.
रेलवे बजट को ध्यान में रखकर आज तक ने फ़िल्मी अंदाज में आज एक कार्यक्रम चलाया लेडीज वर्सेज पवन बंसल.
कार्यक्रम के जरिए चैनल की महिला पत्रकारों ने रेलवे की खामियां और महिलाओं के दृष्टिकोण से सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. ख़ैर स्टोरी के बारे में हम ज्यादा बात नहीं करेंगे. हम बात करेंगे कार्यक्रम के प्रोमो, नाम और उसके पोस्टर पर.
कार्यक्रम का पोस्टर बेहद दिलचस्प है. पीछे आज तक की महिला रिपोर्टर खड़ी हैं और सबसे आगे मुस्कुराते रेलमंत्री ‘पवन बंसल.’
अब यदि बंसल साहब के परिवार वालों ने कुछ उलटा – सुलटा समझ लिया तो बेचारे पवन बंसल तो न घर के रहेंगे और न घाट के.
लेकिन आज तक वाले कहाँ मानने वाले हैं, बंसल साहब को पिटवाकर ही छोडेंगे. वैसे पिटे -तो- पिटे बंसल साहब भी आज तक का ये पोस्टर और कार्यक्रम देख बंद कमरे में मुस्कुराकर कह रहे होंगे कि अभी तो मैं …………… लेकिन डर है कि कहीं शाहरुख बन ट्रेन की छत पर छैयां – छैयां …….
लेडिज वर्सेज पवन बंसल चालू आहे.
( एक दर्शक की नज़र से )