मंगलेश जी तरुण तेजपाल के मुद्दे पर भाजपा को घेरना ठीक नहीं

वेद उनियाल

आदरणीय मंगलेशजी आप बड़े कवि है, बेहद सम्मानित जगह है आपकी। लेकिन यह थोड़ा जज्बाती लगता है कि आप हर बात भाजपा संघ पर कोड़ा चलाने लगते हैं। जैसे घर पर किसी दिन अरहल की दाल ठीक से न बने तो इसका दोष भी भाजपा संघ पर मड़ दो। इतना पढ़ लिखने के बाद, इतना साहित्य लिखने के बाद, इतनी पत्रकारिता करने के बाद व्यक्ति एकपक्षीय रह जाता है, या कुछ चीजों को लेकर कट्टर ( कट्टर केवल संघ ही नहीं , वामपंथी भी होते हैं ) क्यों हो जाता है यह समझ से परे हैं।

जहां भाजपा संघ विश्व हिुंदू परिषद की आलोचना की जानी चाहिए वहां ठीक है। उनके बहुत चोंचले हैं, कई तरह की सर्कीणता है, बहुत खुला नजरिया नहीं है। सत्ता में आते ही कांग्रेस की कार्बन कापी बन जाते हैं। लेकिन हर बात पर उनपर ही कोड़ा चलाना अनुचित है। तरुण तेजपाल ने जो किया बताइए क्या विश्व हिंदु परिषद के किसी नेता के बहकाने पर किया, या संघ नेअपनी शाखाओं में इसकी ट्रेनिग दी।

बहरहाल आदरणीय मंगलेशजी, तरुण तेजपाल पर कुछ कहना चाहते थे, लेकिन कहना शुरु कर दिया भाजपा संघ पर। शायद संकेत यही कि तरुण पर जो कुछ कहा किया जा रहा है पर संघ भाजपा की कोई साजिश है।

पहले तो शायद दूर दूर तक ऐसा नहीं। यह एक लड़की जो उनके संस्थान में ही काम करती थी उसका बयान था एक पत्र था। फिर मंगलेशजी अगर यह मामला उठता भी है तो क्या भाजपा संघ वाले मलमल की चादर ओढ़ाए तेजपाल को। अगर तेजपाल बघेरे की तरह केवल उनके पीछे पड़ा रहा , तो वो क्यों नहीं समय आने पर उसके दांत और पंजों के नाखुन को कमजोर करेंगे। फिर आपकी करुण पुकार क्यों।

तरुण तेजपाल को आप पत्रकारिता में शायद सौ अंक देंगे। लेकिन जो वे करते रहे वो शुद्ध पत्रकारिता नहीं, किसी के प्रति आला दर्जे की स्वामीभक्ति थी। उसका उन्हें कई तरह से फायदा भी मिला। जैसे कि अरुधती ने इशारा भी किया है कि गोवा का थिंक फेस्ट की मस्ती किनके पैसों से हो रही थी।

(स्रोत-फेसबुक)

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