केजरी काका झूठ बोलने की मशीन हैं। मशीन इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि एक तो दे दनादन… झूठ पर झूठ… ऊपर से लाज भी नहीं आती। ग़ज़ब की ढिठाई है।
आज उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस करके एक “बड़ा खुलासा” किया कि दिल्ली में साहिब सिंह वर्मा से लेकर शीला दीक्षित तक के राज में संसदीय सचिव होते थे। लेकिन यह “छोटा खुलासा” नहीं किया कि इन सबके राज में दिल्ली में सिर्फ़ एक संसदीय सचिव होते थे, लेकिन उन्होंने इक्कीस बना डाले। इतना ही नहीं, उन्हें मालूम था कि उन्होंने ग़लत किया है, इसलिए अपने ग़लत को सही करने के लिए उन्होंने संसदीय सचिव पद को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से बाहर करने के लिए बिल भी पास कराया। अगर उन्होंने ग़लत नहीं किया होता, तो बिल पास कराने की ज़रूरत ही नहीं थी।
देश में “भ्रष्ट” नेता तो कई होंगे, लेकिन केजरी काका “भ्रष्ट” होने के साथ-साथ “फ्रॉड” भी हैं!
@fb अभिरंजन कुमार