-पंकज श्रीवास्तव,वरिष्ठ पत्रकार-
ABP News का सर्वे बता रहा है कि हर तरफ़ BJP की लहर है। … दिल्ली में इसने 2013 में AAP को 8 और 2014 में 18 सीटें दी थीं, जबकि मिलीं 28 और 67 ! शर्म इनको मगर नहीं आती !
यह संयोग नहीं कि चैनलों को हमेशा बीजेपी की ही हवा नजर आती है ! आख़िर 3 सीट पाने वाली भाजपा को सर्वे में 46 सीट देने के पीछे कौन सी नज़र होती है ?
चैनलों के चुनावी सर्वे पर रोक लगनी चाहिए, या फिर ग़लत निकलने पर दंड का प्रावधान हो ! यह पेड न्यूज़ का ही एक रूप है ! पूँजी और नत्थी पत्रकारिता का शातिर खेल !
चाॅम्सकी जिस सहमति विनिर्माण (Manufacturing Consent) की बात करते हैं, यह उसी का नंग-नाच है। तस्वीरों, वीडियो और अपुष्ट आँकड़ों के ज़रिये किसी के पक्ष में माहौल बनाने का षड्यंत्र ! यह उन लोगों के दिमाग़ पर जरूर ही असर डालता है जो ज़िंदगी में इस क़दर हारे होते हैं कि किसी संभावित विजेता से नत्थी होकर एक अदद जीत का सुख लेना चाहते हैं। इस तरह यह चुनाव प्रचार का ही एक रूप है !
आखिर, यह कौन लोग हैं जो मतदान के पहले ही हमारे दिमाग़ को नतीजों से भर देना चाहते हैं..? किसी विजेता की शक्ल चस्पा कर देना चाहते हैं ! बार-बार ग़लत साबित होने के बावजूद हर अगली चुनावी आहट के साथ हाज़िर हो जाते हैं ! ना, वे महज़ बेशर्म धंधेबाज़ नहीं, लोकतंत्र के हत्यारे हैं !
चैनलों के चुनावी सर्वे पर रोक लगनी चाहिए, या फिर ग़लत निकलने पर दंड का प्रावधान हो ! यह पेड न्यूज़ का ही एक रूप है ! पूँजी और नत्थी पत्रकारिता का शातिर खेल !
चाॅम्सकी जिस सहमति विनिर्माण (Manufacturing Consent) की बात करते हैं, यह उसी का नंग-नाच है। तस्वीरों, वीडियो और अपुष्ट आँकड़ों के ज़रिये किसी के पक्ष में माहौल बनाने का षड्यंत्र ! यह उन लोगों के दिमाग़ पर जरूर ही असर डालता है जो ज़िंदगी में इस क़दर हारे होते हैं कि किसी संभावित विजेता से नत्थी होकर एक अदद जीत का सुख लेना चाहते हैं। इस तरह यह चुनाव प्रचार का ही एक रूप है !
आखिर, यह कौन लोग हैं जो मतदान के पहले ही हमारे दिमाग़ को नतीजों से भर देना चाहते हैं..? किसी विजेता की शक्ल चस्पा कर देना चाहते हैं ! बार-बार ग़लत साबित होने के बावजूद हर अगली चुनावी आहट के साथ हाज़िर हो जाते हैं ! ना, वे महज़ बेशर्म धंधेबाज़ नहीं, लोकतंत्र के हत्यारे हैं !
@fb