उत्तराखंड की त्रासदी पर पत्रकार ‘वेद उनियाल’ ने एक किताब लिखी है. किताब के बारे में जानकारी देते हुए वेद उनियाल फेसबुक पर लिखते हैं –
उत्तराखंड की त्रासदी पर मेरी किताब प्रकाशित होकर आई है। देखी पीर पहाड़ की। उत्तराखंड की त्रासदी पर मैं एक महीने गंगोत्री, मंदाकिनी घाटी और पिंडर घाटी के गांव- गांव गया । करीब 130 किमी पैदल चला था। उस समय की व्यथा, लोगों का दर्द , पहाड़ों का जीवन , बदलती जीवन शैली, देश भर के लोगों का सहयोग, उजड़ता उत्तरकाशी और टूटता श्रीनगर, गौरा देवी का गांव, भारतीय सेना का पराक्रम, हर चीज को महसूस करते अपनी डायरी लिखता गया। रास्ते में बछेंद्रीपालजी से भी मिलना हुआ। किताब में त्रासदी की कई तस्वीर भी है।
पद्मश्री चंडी प्रसाद भट्टजी और आदरणीय गोविंदजी ने इस किताब पर प्रीफेक्स लिखा है। किताब घर ( विकास पेपर बैक्स) से प्रकाशित इस किताब का विमोचन हो जाने पर यह किताब जल्द आपके हाथों में होगी। त्रासदी में जिन्होंने अपनी जान गवांई, यह किताब मैंने उनको समर्पित की है।