आजतक की देशभक्ति पर ओम थानवी का व्यंग्य

उन्मादी परिवेश मीडिया बना रहा है या मीडिया उसमें बह गया है, पता नहीं; पर कल इंडियन एक्सप्रेस में शैलजा वाजपेयी ने अपने स्तम्भ ‘टेलिस्कोप’ में कुछ टीवी चैनलों की जंगखेज़ इबारतों की बढ़िया बानगी पेश की। सबसे मज़ेदार इबारत Etv की थी –

“अबकी बार, सीमा पार”!

और इस मार्का रिपोर्टिंग को आजतक ने यह स्वनामधन्य नाम दिया …

(ओम थानवी के एफबी वॉल से साभार)

इसी मुद्दे पर कुछ और कमेंट्स –

  • Saurabh Arya इस सब के बीच सुदर्शन न्यूज का पराक्रम देखने लायक है…इसका बस चले तो नेस्तनाबूत कर दे पकिस्तान को पलक झपकते ही ! !
  • Apurva Kumar Garg बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां इस बात के लिए बदनाम हैं कि पहले वायरस फैलाती हैं ,बाज़ार खड़ा करती हैं फिर वैक्सीन्स बेचती हैं …..भूलिये नहीं युद्ध भी इनका व्यवसाय हैं …पहले साज़िशों के वायरस से बाज़ार गर्म होगा फिर माल बिकेगा .ये उन्मादी मीडिया वायरस ही तो फैला रहा हैं ..
  • Anurag Chaturvedi युद्ध संवाददाता अपने में एक प्रशिक्षण माँगता है.आजतक ने इतने पत्रकारों को तय्यार किया है,इसमें संदेह है.
  • Ravishanker Acharya ये राष्ट्रवादी ब्रांड पत्रकारिता का नमूना भर है।इन देशभक्त चैंनलों के राष्ट्रवादी एंकर जब पाकिस्तानी मीडिया के साथ संयुक्त बहस करते है तो ऐसा लगता है कि सरकार भले ही हाथ पर हाथ रखे बैठी रहे,ये अपने वीटो का इस्तेमाल कर पाकिस्तान नाम की समस्या को ख़त्म कर के ही प्रोग्राम का समापन करेंगें।
    ये लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चौथा करवा के ही दम लेंगें। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को अपने लिए कुछ मर्यादा तय करनी चाहिए।
  • Rajiv Kumar रूस ने भारत में उरी हमले के कारण पाकिस्तान के साथ अपना युद्ध-अभ्यास रद्द किया मोदी सरकार ने 2 दिन ये कहकर खूब वाहवाही लूटी थी, आज रुसी सैनिकों ने उसी युद्ध-अभ्यास में पाकिस्तान पहुंचकर इनके झूठ की पोल खोल दी. बाकी के भी खुलेंगें थोड़ा इन्तजार करें. बाकी सिंधु का पानी रोकने पर जो भक्त पानी-पानी हो रहें हैं..उनका भी निकल जाएगा. उसमें जितना वक्त लगना है तब तक ये सरकार भी रहेगी क्या. वैसे ये करने के लिए इतने बड़े बजट की जरुरत पड़ेगी, इतने लोग विस्थापित होंगें कि, कंट्रोल करना मुश्किल हो जाएगा, दुनिया हँसेगी वो अलग. कुल मिलाकर विश्व में और किरकिरी कराने के रास्ते पर हैं ये..
  • Sadiq Ali सरकार कुछ नहीं कर सकती तो कम से कम पाक से अपना राजदूत ही बुला लेती
    मीडिया ने किसी मंत्री से सवाल पूछा क्या
  • Shailesh K. Yadav भारतीय मीडिया ने आतंकवादियों को नेस्तानाबूद कर दिया पाकिस्तान को हरा दिया और भविष्यवाणियों ने पाकिस्तान का विभाजन…. ये होती है असली देशभक्ति
  • Gaurishankar Vyas चौथे स्तभ पर भरोशा था वह भी कमजोर हो गया। ओमजी, रवीश जी जैसे कुछ ताने स्तम्भ को संभाले है।
    लज्जा आती है ऐसे मीडिया पर।
  • Jitendra Singh अब जो हालत बन रहे हैं, उसमे मीडिया की विश्वसनीयता को अपार क्षति पहुँच रही है, और दुनियां हमारी मीडिया पर हंस रही है. खुद हमलोगों में से अनेक लोग जान गए कि मीडिया बोले तो मोदी भगत, जो मोदी के लिए न्यूज़ बनाते और चलाते हैं. फोर्थ पिलर ढह गया. और इसे ढहाने के लिए बल प्रयोग नहीं करना पड़ा, सिर्फ पैसों के आगे और धौंस के आगे ढह गया.

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