विनोद कापड़ी की फ़िल्मी ‘कहानी’ खुद उनकी जुबानी !

विनोद कापड़ी

संदर्भ- विनोद कापड़ी को राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार

विनोद कापड़ी

विनोद कापड़ी को राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार
विनोद कापड़ी को राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार

दफ़्तर नहीं , पैसा नहीं , लोग नहीं पर फ़िल्म भी बन गई और National award भी मिल गया।

कहानी थोड़ी सी फ़िल्मी है पर सच है।

ये कहानी बताना आज बहुत ज़रूरी है !! इसलिए क्योंकि हमने भी कितनी कहानियाँ सुनी गैराज की , पर यहाँ तो गैराज भी नहीं है अब तक
इस कहानी का एक अहम किरदार है मेरा पुराना दोस्त संजय पांडे। Zee वाला अपना पहाड़ी भाई। कोई भी ख़बर हो या कहानी हो या आइडिया हो,संजय से मैं सालों से बात करता आया हूँ। संजय की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि आप संजय को एक idea बताओ , वो आपको चार बताएगा। संजय ने तुरंत हामी भरी और कहा कि आप इस पर फ़िल्म बनाओ, देखी जाएगी। बस काम शुरू हो गया ।

पर कैमरा कहाँ से आएगा ? तो बात हुई पुराने साथी मनोज त्यागी से , उन्होंने Recce के लिए पैसे लिए बिना कैमरा दे दिया।
फ़िल्म के लिए एक theme song Aalok Shrivastavavavavavav से काफ़ी चर्चा हुई और बन गया टट्टूी गीत आलोक से सिर्फ़ कर्म की बात हुई , धन की अब तक नहीं।

कैमरा तो मिला पर चलाएगा कौन ? एक बड़ा प्रतिभाशाली कैमरामैन है Indish Batra ,मेरे zee के दिनों का साथी। पिछले कई साल से सिर्फ़ BBC ,Discovery , Nat Geo के लिए ही Documentary कर रहा है। उस से idea पर बात हुई तो ये भाई भी बोला : बस काम अच्छा करना है विनोद , पैसे भूल जाओ।

फ़िल्म की शूटिंग हो गई। अब Edit कौन करेगा ? बड़ा सवाल था। पहला और आख़िरी नाम ज़ेहन मेGirish Junejaejaeja का। editing में तो बड़ा नाम है ही,एक फ़ीचर फ़िल्म मुआवज़ा भी बना चुके हैं। सोचा कि शायद हम afford नहीं कर पाएँ या गिरीश बहुत busy हो। फ़ोन लगाया और जवाब मिला; पा जी !! पैसों की तो बात ही मत करो। सब तय हो गया , संजय के यहाँ ही Edit शुरू हुआ। गिरीश Vinay KashyapyMohd Saifullah TauheedeManav M Yadavdavdavdavdavdav, ने कमान सँभाली । विनय और मानव , बार बार changes और नए नए edits के लिए माफ़ करना यार। एक और किरदार हैं उपमन्यु , क्या कमाल का संगीत दिया। भाई ने भी दिया ही है, लिया कुछ नहीं। फ़िल्म जब तैयार हो गई, तब हमने माँ के नाम पर कंपनी रजिस्टर की: Bhagirathi Films और देखिए पहली ही बार में आसमान से ही कहीं माँ ने कमाल कर दिSakshi Joshi KapripripriAmbujeshwar Pandeydeydeydey रितुल जोशी और शिवानी रावत को मैं कैसे भूल सकता हूँ भाई !!! और फ़िल्म का प्यारा सा छोटा सा कवर डिज़ाइन किMukesh Bhatiati ने .मुकेश से भी पैसों की बात अभी होनी बाक़ी है.

ये National award हम सबका है दोस्तों , आप सबका है। किसी भी एक कड़ी के बिना ये Award बिलकुल असंभव था !!!
थैंक यू माँ !!!   (@FB)

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