देखिए ज़ी न्यूज़ कहता है कि चाय-नाश्ते के लिए केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं

Zee News की पत्रकारिता देखिए. चैनल कहा रहा है कि चाय-नाश्ता के लिए दिल्ली के सीएम झूठ बोल रहे हैं

kejriwal zeeमीडिया का आदमी हूं, सो अफसोस होता है कि नैशनल टीवी मीडिया का एक धड़ा अरविंद केजरीवाल के धरना-प्रदर्शन की एकतरफा और कई मायनों में कहें तो biased reporting कर रहा है. अब Zee News पर दिखाई गई इस खबर को ही लें.

इसमें चैनल अरविंद केजरीवाल के तथाकथित झूठ का -पर्दाफाश- करने का दावा कर रहा है. वह भी चाय और खाने की बात को लेकर. Zee News कह रहा है कि अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं कि पुलिस धरना स्थल पर चाय और खाने का सामान नहीं लाने दे रही. और फिर एंकर कहती है कि आज हम दिखाएंगे, अरविंद केजरीवाल का झूठ. और फिर two window काट लिया जाता है. एंकर बड़ी ही शिद्दत से बताती हैं कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं. वह कह रहे हैं कि उन्हें चाय-खाना नहीं लाने दिया जा रहा. एंकर कहती हैं कि देखिए, इन तस्वीरों को, जो सौ शब्दों पर भारी हैं. कैसे केजरीवाल मजे में नाश्ता कर रहे हैं और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता चाय पी रहे हैं. फिर भी सीएम केजरीवाल झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं कि उन्हें चाय-पानी-नाश्ता नहीं मिल रहा-लाने दिया जा रहा.

वाह मान गए Zee News वालों. क्या यूनीक एंगल निकाला है खबर में. आप लोगों को तो पत्रकारिता का रामनाथ गोयनका अवॉर्ड मिलना चाहिए. आप बता रहे हैं कि केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं और फिर बताते हैं कि चाय-पानी को लेकर झूठ बोल रहे हैं. कितना बड़ा मुद्दा है ये देश-जनता के लिए???!! अगर आपका रिपोर्टर वहां है और अगर असाइनमेंट डेस्क पर काम करने वाले आपके पत्रकार दूसरे चैनलों पर नजर रख रहे हैं तो आपको जरूर पता होगा कि कई चैनलों पर अरविंद और उनके कैबिनेट के साथी बता-दिखा चुके हैं कि कैसे दिल्ली पुलिस उन्हें चाय तक लेकर धरना स्थल पर नहीं आने दे रही. कल रात ही ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर -इंडिया टीवी- पर पूरी-सब्जी खाते हुए बता रहे थे कि ये भी मु्श्किल से नसीब हुआ है. पुलिस ने कहा कि DCP साहब का ऑर्डर है कि खाना अंदर नहीं लाने दिया जाएगा. फिर रिक्वेस्ट करने पर कहा कि उधर से घूमकर जाओ तो किसी तरह ये पूरी-सब्जी लेकर अंदर आ पाए हैं.

kejriwal zee 2केजरीवाल बता रहे हैं कि रेल भवन का एक टॉयलेट जिसे वे इस्तेमाल कर रहे थे, वह भी बंद कर दिया गया है. एक पब्लिक टॉयलेट का इंतजाम किया था, उसे भी पुलिस अंदर नहीं लाने दे रही. और ये सब वहां भारी तादाद में मौजूद मीडियाकर्मियों की मौजूदगी में हो रहा है. वे सब देख रहे हैं, जनता देख रही है, लेकिन Zee News वालों को ये नहीं दिख रहा.

Zee News के लिए जैसे इतना ही काफी नहीं था. शो का प्रोड्यूसर तुरंत धरनास्थल पर मौजूद अपने रिपोर्टर के पास Live के लिए पहुंच जाता है. एंकर स्टूडियो से सवाल दागती है कि ये क्या हो रहा है?? किसे धोखा दे रहे हैं केजरीवाल, क्यों झूठ बोल रहे हैं केजरीवाल. फिर रिपोर्टर भी इसी लाइन पर अपनी बात कहती है कि देखो-देखो. कितना अनर्थ हो रहा है इस देश में. चाय-नाश्ते के लिए दिल्ली का सीएम झूठ बोल रहा है. वगैरह-वगैरह.

चैनल काफी देर तक इस खबर से खेलता रहा (मतलब कि इस खबर को दिखाता रहा). यह देखकर मुझे तो यही लग रहा था कि शो के प्रोड्यूसर को पत्रकारिता की बेसिक समझ ही नहीं है. अरे, जब आप छोटी सी पिद्दी सी बात को (चाय-नाश्ता) राई का पहाड़ बनाकर नैशनल चैनल पर दिखा रहे हैं और सीधे-सीधे आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली का सीएम झूठ बोल रहा है तो क्या आपका फर्ज नहीं था कि इस मामले पर अरविंद केजरीवाल या उनके बाकी मंत्रियों-प्रवक्ताओं का बाइट भी ले लेते. वो भी दर्शकों को दिखाते. अरविंद अब सीएम हैं और आप सीधे-सीधे स्क्रीन पर लिख रहे हैं कि सीएम झूठ बोल रहे हैं. फिर आपने उनका पक्ष क्यों नहीं दर्शकों को दिखाया???!! यह तो खबर का बेसिक है कि दोनों पक्षों की बात आप दिखाएंगे-बताएंगे. आप कोई पार्टी (पक्ष) नहीं है. सिर्फ माध्यम हैं जो दोनों पक्षों की बात पाठकों-दर्शकों तक पहुंचाएंगे. फिर एक पक्षीय खबर क्यों दिखा रहे हैं???

और न्यूज सेंस की बात करें तो कोई भी संवेदनशील और गंभीर पत्रकार खबर के इस एंगल को ही रिजेक्ट कर देगा कि अरविंद केजरीवाल चाय-पानी-नाश्ता के लिए झूठ बोल रहे हैं. फिर भी इस तरह का एंगल लेकर Zee News खबर दिखा रहा है तो बतौर एक दर्शक यह मेरे लिए अविश्वसनीय था. देश का सबसे पुराना सेटेलाइट न्यूज चैनल जब इस तरह की हरकतें करता है तो स्टूडियो में बैठे लोगों को अंदाजा भी नहीं होगा कि घर के टीवी सेट पर ऐसी खबरें देखने वाले दर्शक उनके न्यूज चैनल के बारे में क्या और कैसी राय बना रहे होंगे.

पत्रकारिता का एक बेसिक सिद्धांत है- साख बनाए और बचाए रखना. अव्वल तो साख जल्दी बनती नहीं और अगर बन गई तो फिर उसे बचाए-बनाए रखना भी एक बहुत बड़ा चैलेंज होता है. माना कि एडिटोरियल पर कई तरह के दबाव होते हैं लेकिन इन दबावों के बीच भी खबर से न्याय करना एक सच्चे पत्रकार की पहचान और निशानी होती है. मुझे Zee News पर ऐसी खबर देखकर बहुत निराशा हुई. ठीक उसी तरह, जब कोयला-जिंदल विवाद में चैनल की साख दांव पर लग गई थी.

ये तो बानगी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ऐसे थोड़े ही कह रहे हैं कि मीडिया का एक वर्ग नरेंद्र मोदी यानी बीजेपी और राहुल गांधी यानी कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहा है. मीडिया के मित्र इस सच्चाई को अच्छी तरह समझ रहे होंगे. वैसे इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस युग में पाठक और दर्शक बहुत परिपक्व और समझदार हो चुका है. सबकी पोल-पट्टी खुल जाती है. मिनटों में. सबकी scrutiny हो रही है. लगातार…इस देश का आम आदमी आज पहले से ज्यादा सजग है.

आप भी देखिए, Zee News ने क्या दिखाया. जय हो.

3 COMMENTS

  1. जनाब आप क्या बात कर रहे है

    आज आप सब मीडिया वाले किसी ना किसी को चमकाने में लगे है!

    आप लोग ही तो है जो मुद्दो को बदलते है, अपने लाभ देख के……….

  2. are bhai jab kejriwal ne apne bacho ki kasam kha kar kha tha ki me na kisi ka samartan lunga na dunga …..or phir congress ke samartan se sarkar bana li tab kitni sahi reporting ki thi aapke india today group ne…desh achi tarah janta hai kasi reporting aapka india today group kr rha hai…eshi liye pichle 2 mnth me aapki trp bahut jyda giir gayi hai… or zee news ki trp baad gyi hai… vo sahi hai aapki taraf sirf kejri ke guun nhi gaate …jo sahi hai usko dekha rahe hai…

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